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    खाड़ी देश

    सूचना के अधिकार के जवाब के तहत पिछले छह सालों से खाड़ी देशों में हर रोज़ 10 भारतीय मजदूरों की मौत हो रही है। यह मजदूर देश के आधे विदेशी प्रेषण में योगदान देते है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में छह खाड़ी देशों में 22.53 लाख भारतीय मजदूर थे।

    कामनवेल्थ मानवाधिकार इनिशिएटिव के आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने सूचना पत्र दायर कर विदेश मंत्रालय से बहरीन, क़तर, ओमान, कुवैत, सऊदी अरब और यूएई में जनवरी 2011 से 2018 तक रहने वाले कर्मचारियों के आंकड़े मांगे थे।

    आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने बताया कि यह आंकड़े बहरीन, ओमान, क़तर और सऊदी अरब ने मुहैया किए थे लेकिन यूएई ने आंकड़े देने से इनकार कर दिया था। कुवैत की वेबसाइट से साल 2014 तक के कुछ ही कर्मचारियों  के नाम मिले हैं। उन्होंने बताया कि खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीय कर्मचारियों से भारत सबसे अधिक धन जुटाता है।

    वेंकटेश नायक ने बताया कि अभी भारत ने विश्व से कुल 410.33 बिलियन डॉलर की रकम जुटाई है जबकि आधे से अधिक 209.07 बिलियन डॉलर की रकम खाड़ी देशों से एकत्रित की है। उन्होंने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक 2012 से 2018 के बीच छह खाड़ी देशों में कम से कम 24,570 भारतीयों की मृत्यु हुई हैं।

    उन्होंने कहा कि अगर कुवैत और यूएई भारतीय कर्मचारियों के आंकड़े सार्वजानिक कर दे, तो भारतीय मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

    आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक खाड़ी देशों में प्रतिदिन 10 भारतीय मजदूरों की मृत्यु होती है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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