मालदीव में चल रहा राजनीतिक संकट काफी गहरा चुका है। सेना द्वारा न्यायाधीशों व पूर्व राष्ट्रपति को जेल में भेजने के बाद अब सेना ने विपक्षी पार्टी के सासंदों को संसद से बाहर निकाल दिया है। मालदीव की सेना ने सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर संसद में कब्जा करके विपक्षी सांसदों को बाहर निकाल दिया है।
मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने ट्वीट करते हुए कहा कि संसद भवन परिसर से सैन्य बलों ने आज जबरन विपक्षी सांसदों को बाहर फेंक दिया है। सुरक्षा बलों ने सांसदों को मजलिस परिसर से बाहर फेंक दिया गया है।
चीफ जस्टिल अबदुल्ला सईद सच सामने ला रहे थे और उन्हें भी उनके चैंबर से घसीट कर ले जाया गया। सेना ने अब संसद पर कब्जा कर लिया है। सेना ने सांसदों को संसद भवन में प्रवेश करने से रोक रखा है।
आपातकाल के बाद मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने यूरोपीय संघ, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के राजनयिकों से भी मिलने से इंकार कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के उच्चायुक्त जिद रायद अल हुसैन ने मालदीव में आपातकाल को लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
https://twitter.com/MDP_Thilafaiy/status/963718701651443712
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि मालदीव सरकार को जल्द ही आपातकाल वापस ले लेना चाहिए। सैन्य बलो ने मालदीव संसद के कार्यालयों से जबरन विपक्षी सांसदों को घसीटकर बाहर फेंका।
मालदीव में लोकतंत्र पर खतरा गहरा चुका है। भारत व चीन स्थिति पर नजर रखे हुए है। मालदीव में जारी संकट को खत्म करने के लिए भारत के हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।
चीन व भारत के बीच में इसे लेकर तनाव भी बढ़ा हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति नशीद जहां पर भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मांग कर रहे है वही चीन का कहना है कि भारत को आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।