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    अब्दुल्ला यमीन

    मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के बाद से ही आंतरिक तनातनी माहौल बना हुआ है। जहां विपक्ष शांतिपूर्वक सत्ता का हस्तांतरण चाहता है वहीं राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन सत्ता सौंपने के इच्छुक नहीं है।

    मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव में हारे अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ सैकड़ों नागरिकों ने अदालत परिसर में प्रदर्शन किया। अदालत ने अब्दुल्ला यामीन की चुनाव में धांधली की याचिका स्वीकार कर ली थी। मालदीव की अवाम चाहती है कि अब्दुल्ला यामीन को कैद की सजा सुनाई जाए।

    जाहिर है मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन को सत्ता छोड़ने के लिए अमेरिका नें भी चेतावनी दे डाली है।

    मालदीव पर्यटन के लिहाज से बेहद खूबसूरत शहर है। लेकिन इस ख़ूबसूरती पर राष्ट्रपति यामीन ने फरवरी में आपातकाल का काला धब्बा लगा दिया था। कई देशों ने पर्यटकों को मालदीव की यात्रा करने के लिए रोक दिया था।

    आलोचकों ने अब्दुल्ला यामीन के इस कृत्य को तानाशाही कहा और विपक्षियों व शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को कैद करने की भी निंदा की थी।

    एक प्रदर्शनकर्ता ने कहा कि यह नागरिकों का अधिकार है और वे इसे बदल नहीं सकते हैं। अब्दुल्ला यामीन को सत्ता छोड़नी ही होगी।

    अब्दुल्ला यामीन गत वर्ष हुए चुनाव में विपक्षी दल के उम्मीदवार इब्राहिम सोलिह से चुनावी जंग हार गए थे। अब्दुल्ला यामीन का कार्यकाल नवंबर में समाप्त होगा। विपक्ष राष्ट्रपति यामीन से शांतिपूर्वक सत्ता का हस्तांतरण चाहता है।

    सनद हो पिछले सप्ताह अब्दुल्ला यामीन के वकील ने शीर्ष अदालत में चुनाव में हेराफेरी की याचिका दायर की और कहा कि राष्ट्रपति के समर्थकों ने इसकी शिकायत की है।

    सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग के चार सदस्य धमकी और डर के कारण देश छोड़कर भाग गए थे। अलबत्ता यामीन प्रशासन इन आरोपों का खंडन करता रहा है।

    मालदीव से भागे चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों को रिश्वत देकर झूठे बयान देने को मज़बूर किया। अब्दुल्ला यामीन की पार्टी ने इन शिकायतों को निराधार बताया और कहा कि यह अदालत में दायर केस से ध्यान भटकाने की साजिश है।

    मालदीव हिन्द महासागर से सटा हुआ खूबसूरत शहर है जो क्षेत्रीय प्रभाव के लिहाज से भारत और चीन दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। चीन ने मालदीव से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत विकास ढांचे के निर्माण का वायदा किया था हालाँकि नवनिर्वाचित सरकार ने इस परियोजना की दोबारा समीक्षा की बात कही है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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