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    mayawati mulayam

    उत्तर प्रदेश के इतिहास में सपा और बसपा पार्टी के दूसरे के कठोर विरोधी रहे हैं, लेकिन 24 सालों के बाद सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के प्रयासों में इन दोनों पार्टियों ने एक जुट होने का फैसला कर लिया हैं। सपा, बसपा और आरएलडी महागठबंधन की चौथी रैली आज(शुक्रवार) मैनपुरी में होगी।

    बसपा सुप्रीमों मायावती और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव आज(शुक्रवार) संयुक्त रैली में मंच साझा कर मैनपुरी की जनता को संबोधित करेंगे। मैनपुरी में मायावती अपने दशकों पुराने प्रतिद्वंद्वी सपा संस्थापक मुलायम सिंह को वोट देने की अपील करेंगी।

    मुलायम सिंह यादव और मायावती एक दूसरे तब से आंख नही मिला पा रहे थे, जब उनकी पार्टी के बीच 1995 में गठबंधन खत्म हो गया था, उस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने राज्य के गेस्ट हाउस कथित रूप से हमला कर दिया था जहां बसपा प्रमुख अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद थी। इस पर तत्काल मायावती ने फैसला लेते हुए सरकार से हट गई और भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला लिया।

    हांलाकि, दोनों के बीच तीखी बातचीत को स्थापित करना आसान नही था। मुलायम सिंह यादव जो मैनपुरी पार्टी गढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले देवबंद, बदायूं, आगरा में आयोजित तीन संयुक्त रैलियों में  स्वास्थ्यद मुद्दों के कारणों दूर रहे थे।

    मुलायम सिंह यादव के अलावा, अखिलेश यादव और मायावती दोनों आरएलडी के प्रमुख अजीत सिंह के साथ रैली को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा इस दौरान लगभग 35000 लोगों को भोजन के पैकेट दिए जाएंगे।

    जबकि भाजपा 1995 के गेस्ट हाउस की घटना को अव्यवहारिक बताती हैं। अखिलेश यादव और मायावती दोनों ने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने मतभेद दूर करने और राज्य में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने पर काम करने को कहा हैं।
    हालांकि, मुलायम सिंह यादव ने इस साल की शुरूआत में एक झटका दिया था, जब उन्होंने लोकसभा में विवादस्पद रूप से कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आम चुनाव में विजयी होना चाहिए। जबकि उनकी इस टिप्पणी पर लोकसभा के भाजपा सदस्यों के द्वारा जोर-शोर से वाहवही प्राप्त की गई थी, वही उनकी पार्टी में बहानेबाजी शुरू हो गई थी।

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