दृष्टिबाधित क्रिकेट विश्वकप 2018 की विजेता टीम भारत ने खेल मंत्रालय से मान्यता की मांग रखी है। भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट संघ (सीएबीआई) को मान्यता प्रदान करने की इच्छा विजयी टीम के कईं खिलाड़ियों ने प्रकट की है।
दुबई में हुए सम्मान समारोह के समापन के बाद सोमवार को देश वापस लौटी भारतीय टीम ने अंतिम मुकाबले में प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को दो विकेट से हराया था। उनकी इस जीत के बाद भारतीय मीडिया व खेल जगत में उनका काफी नाम हुआ। मगर बात यहां नाम की न हो कर मान की है। इतनी बड़ी जीत के बाद खिलाड़ियों का मानना है कि वे इसके हक़दार हैं।
अपने एक बयान में सीएबीआई के अध्यक्ष महंतेश जी के ने कहा कि, “एसोसिएशन को खेल मंत्रालय से मान्यता मिलनी चाहिए। दुबई जाने से पहले खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ हमारी टीम से मिलने तक नहीं आये, जिस वजह से लड़के काफी हताश हुए थे। पर अब मैं आशा करता हूँ कि हमारे खिलाड़ियों के सवालों का जवाब वे असोसिएशन को मान्यता प्रदान कर के देंगे।”
बता दिया जाए कि सीएबीआई अब तक समर्थनम नाम की एक नॉनप्रॉफिट संस्था द्वारा दिये जाने वाले सहयोग से काम करता आया है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि खेल मंत्रालय इस बात पर ध्यान दे कि दो बार की विश्व विजयी टीम कब तक अपनी सरकार के साथ, उसकी मान्यता के बगैर मैदान में खेलने उतरेगी?