Tue. Nov 5th, 2024
    मानव कोशिका चित्र

    विषय-सूचि

    मानव कोशिका क्या है? (what is human cell in hindi)

    असंख्य प्रकार की कोशिकाएं एक साथ मिलकर हमारे मानव शरीर का सम्पूर्ण निर्माण करते हैं। मानव कोशिका की खोज रोबर्ट हुक ने 1665 में की थी। यह शरीर का बुनियादी कार्यात्मक ढांचा है जोकि मानव जीवन के क्रियायों को सफलतापूर्वक चलाने की क्षमता रखता है।

    इंसान बहुकोशिकीय प्राणी है, जिसके शरीर में विभिन्न कोशिकाएं शरीर को बनाये रखने के लिए एक साथ काम करती हैं। इनका आकार इतना छोटा होता है कि आप इन्हे सूक्ष्मदर्शी यन्त्र के बिना नहीं देख सकते।

    बहुत सारी कोशिकाएं एक साथ मिलकर एक ऊतक (tissues) का निर्माण करती है। और असंख्य ऊतक मिलकर एक इंसानी अंग का निर्माण करती हैं जो विशिष्ट कार्यों को अंजाम देता है जैसे कि दिल पाचन तंत्र से आने वाले खून को छानता है।

    इस प्रकार के शारीरिक संरचनात्मक संगठन के बावजूद सारी कार्यप्रणाली कोशिकाओं पर ही आकर रुक जाती है। यह एक ऐसी जटिल इकाई है जिसके वजह से हमारा जीवन संभव है।

    मानव कोशिका का चित्र (diagram of human cell in hindi)

    मानव कोशिका का चित्र
    मानव कोशिका का चित्र

     

    उपर्युक्त चित्र में मानव कोशिका के विभिन्न अंगों को दिखाया गया है।

    मानव कोशिका का कार्य (function of human cell in hindi)

    कोशिकाओं का कार्यप्रणाली इस बात पर निर्भर करता है कि वो किस प्रकार कि कोशिका है और शरीर में वे कहाँ स्थित हैं। इनके अंदर शरीर की वंशानुगत सामग्री होती है और ये कोशिकाएं अपनी प्रतियां बनाने में सक्षम हैं।

    बहुत सारे कोटिकांग एक साथ मिलके कोशिकाओं को जिन्दा रखने का काम करती हैं। कोशिकाएं हमारे शरीर को आकर देती हैं, हम जो खाना कहते हैं, उससे पोषक तत्त्व लेके उसको ऊर्जा और दूसरे पदार्थों में परिवर्तित करती हैं, यौगिको का प्रसंस्करण करती है एवं  कोशिकाओं के प्रतिकृति का काम करती हैं।

    मानव कोशिका की संरचना (structure of human cell in hindi)

    कोशिकाओं के विभिन्न संरचनात्मक घटक होते हैं जो शरीर में जान बनाये रखने में सहायक है, जिसको  कोटिकांग(organelle) कहते हैं।

    और बहुत से कोटिकांग एक साथ मिलकर एक कोशिका द्रव्य (cell membrane) को बनाती है  – यह सब मिलकर एक कोशिका झिल्ली को बनाते हैं।

    एक मानव कोशिका की संरचना निम्न दिए गए भागों को जोड़कर बनता है।

    मानव कोशिका के भाग (parts of human cell in hindi)

    कोशिकाओं के अलग-अलग भाग इस प्रकार हैं:

    • कोशिका झिल्ली (cell membrane in hindi)

    यह कोशिकाओं की बाहरी परत है एवं इसके अंदर कोशिका द्रव्य और कोटिकांग पाया जाता हैं यह दोहरी परत वाली झिल्ली हैं जोकि प्रोटीन और लिपिड से बना होता है।

    अंदरूनी और बाहरी परत पर पाए जाने वाले लिपिड-कण विभिन्न पदार्थों की परिवहन में मदद करती हैं। कुछ पदार्थ जैसे कि ऑक्सीजन कोशिका-झिल्ली में आसानी से घुल जाते हैं लेकिन दूसरे पदार्थो को पहले इनडॉयटिस कि प्रक्रिया द्वारा पहले पहले परिवहित करना होता हैं।

    छोटे पदार्थ पाईनोसाइटीस प्रक्रिया के द्वारा परिवहित होते हैं और बड़े पदार्थ फागोसाइटोसीस प्रक्रिया के द्वारे परिवहित होते हैं।

    • साइटोस्केलेटन (cytoskeleton in hindi)

    यह मूलतः लंबे तंतुओं का नेटवर्क होता है। ये कोशिकाओं के संरचनात्मक ढांचे के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं।

    कोशिकाओं का आकर क्या होना चाहिए एवं  इनका विभाजन कब और कैसे होना हैं – साइटोस्केलेटन इन सब बातों का ध्यान रखते हैं।

    ये कोशिकाओं की गति निर्धारित करने में भी सहायक हैं |

    • अन्तः प्रदव्ययी जलिका (endoplasmic reticulum in hindi)

    यह एक प्रकार कि झिल्लीदार संरचना जिसमे नलिकाएं और पुटिकाएँ पायी जाती है। इसकी संरचना इस प्रकार है कि इसके माध्यम से विभिन्न पदार्थ इसमें आसानी से घूम सकते हैं और जबतक कोशिकाओं क अंदर निर्माण क्रिया पूर्ण नहीं हो जाता, इन पदार्थों को अलग रख सकते हैं।

    ये कोशिकाओं में पाए जाने वाले अणुओं कि प्रक्रिया में मदद करते हैं। ये अणुओं को उनके गंतव्य तक पहुँचाते हैं ताकि बाकि प्रक्रिया सफलतापूर्वक हो सके।

    • नाभिक (nucleus in hindi)

    यह कोशिकाओं का मुख्य नियंत्रक मन जाता है, जोकि कोशिकों का इस बात का मार्गदर्शन करता हैं कि कब बढ़ना है, कब प्रौढ़ होना है, कब विभाजित होना हैं और कब नष्ट हो जाना है।

    इसके अंदर जीन और डीएनए संग्रह पायी जाती है जोकि शरीर के मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान के हर पहलू को निर्धारित करती है।

    यह झिल्लीदार परत से घिरा हुआ  होता है जो डीएनए  की रक्षा करता है और नाभिक  को कोशिकाओं के बाकि भागों से अलग करता हैं।

    • नुक्लेओलुस (nucleolus in hindi)

    यह नाभिक में पाया जाने वाला एक छोटा सा अंग है। यह नाभिक में पाए जाने वाले आरएनए और प्रोटीन का संचय है।

    यहाँ डीनए से राइबोसोमल आरएनए बनता है और अपना सही रूप लेता है।

    • गोलगी उपकरण (golgi bodies in hindi)

    यह समतल पुटिकाओं का एक संग्रह है। अन्तः प्रदव्ययी जलिका में जो पदार्थ बनते हैं वो इस भाग में आके घुल जाते हैं। यह कोशिकाओं के सञ्चालन में महत्वपूर्ण है।

    अन्तः प्रदव्ययी जलिका के पदार्थ गोलगी उपकरण में संग्रहित होते हैं और दूसरे प्रकार के पदार्थो में बाद जाते हैं जोकि कोशिकाओं के रखरखाव में काम आता है

    • लाइसोसोम (lysosomes in hindi)

    ये कोशिकाओं के पुनरावर्तन केंद्र माने जाते हैं। यह बाहरी बैक्टीरिया का पचाने में सहायक हैं, जहरीले पदार्थों से छुटकारा दिलाते हैं और घिसी हुई कोशिका घटकों को पुनरिवर्तित करते हैं।

    यह गोलगी उपकरण से टुट के अलग होकर बनते हैं| इनका आकर और कार्यप्रणाली कोशिकाओं पर निर्भर करता है। इनमें पाए जाने वाले किण्वक विभिन्न पोषक-तत्त्व के पाचन में सहायक होते हैं ।

    • पेरिओक्सीओसोम (Perioxosome in hindi)

    इनकी बनावट लाइसोसोम के सामान होती है। इनके अंदर जो एंजाइम पाए जाते है वो एक साथ मिलकर हाइड्रोजन पेरोक्साइड के रूप में, जो पदार्थ हानिकारक होती हैं उनको बेअसर करने की कोशिश करती हैं। इनका निर्माण अन्तः प्रदव्ययी जलिका से होता है।

    • स्रावी कणिकायें (Secretory granules)

    यह कोटिकांगों का एक समूह है जिसमें स्रावी उत्पाद भरे रहते हैं जिसके वजह से हॉर्मोन स्राव नियमित रूप से होता है। इनका आकर 1 µm का होता है।

    इसकी संरचना लाइसोसोम के सामान होती है। इनमें वो स्रावी उत्पाद भरे होते हैं जो कोशिकाओं के काम में नहीं आते लेकिन उनके बाहर परिवहित कर दिए जाते हैं।

    • सूत्रकणिका (mitochondria in hindi)

    यह पोषक-तत्वों को एनर्जी में बदलने का काम करती हैं यह एटीपी के निर्माण में सहायक हैं जिसका कोशिकाओं में विभिन्न भागों में उपयोग होता है। यह झिल्ली परतों से घिरा हुआ होता है।

    इनको कोशिकाओं का ‘ पावर हाउस’ माना गया है। इनकी दो झिल्लीदार परतें होती है – 1) बाहरी झिल्लीदार परतें सूत्रकणिका के सतह के घेर के रखती हैं, 2) अंदरूनी झिल्लीदार परतें ऊर्जा निर्माण में मदद देती हैं  ।

    • सूक्ष्म तंतु एवं सूक्ष्मनलिकाएं (microtubules in hindi)

    ये प्रकार के प्रोटीन पदार्थ से बने हुए कठोर संरचना हैं जिनसे कोशिकाओं का आंतरिक भाग बना हुआ है। इनकी वजह से सेन्ट्रिओलिक और मिटिओटिक स्प्लिन्डल बनते हैं जोकि कोशिकाओं के विभाजित होने का कारण हैं।

    इनका खुद का आनुवंशिक सामग्री होता है जोकि नाभिक के डीएनए से अलग रहता है। ये अपनी खुद की प्रतियां बनाने की क्षमता रखती हैं।

    मानव शरीर में कितनी कोशिकाएं होती हैं? (how many cell in human body in hindi)

    मानव शरीर में कोशिकाओं की गणना करना बहुत मुश्किल भरा काम है। हर एक अंग में करोड़ों अरबों कोशिकाएं होती हैं।

    लेकिन कई वैज्ञानिकों और शौधकर्ताओं नें मानव शरीर में कुल कितनी कोशिकाएं हैं, इसका जवाब ढूंढ लिया है।

    एक शोध के मुताबिक मानव शरीर में कुल कोशिकाएं 3.72 × 10^13 (करीबन 37 लाख करोड़) हैं।

    7 thoughts on “मानव कोशिका संरचना और जानकारी”
    1. human cell ki jankari dene ke liye dhanywad. mera kal exam hai aur is website ne bahut help ki meri

    2. अन्तः प्रदव्ययी जलिका के कार्य के बारे में बताइए?

    3. hamari koshikaaon mein paai jaane vaalijo kendriya jhilli hoti hai iske kya kya functions hote hain?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *