वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट 2018-19 के अपने भाषण में कल किसानों, महिलाओं और स्वास्थ्य के मद्देनजर काफी बड़े-बड़े ऐलान किए। हालांकि टैक्स में कोई छूट नही दी गई। परंतु बजट में ऐसे कई ऐलान है जिससे लोगों को खुश होने का मौका मिल सकता है।
इस बार बजट में सरकार ने महिला सशक्तिकरण के मामले को काफी गंभीरता से लिया है। इससे सरकार लिंग समानता के अवसर को बढ़ावा देने के काम कर रही है। सरकार ने कई स्तर पर यह साफ कर दिया है कि लिंग समानता को वह अगले स्तर पर ले जाएगी।
लिंग असमानता और भेदभाव से, पिछले कई दशकों से देश के आर्थिक और सामाजिक परिवेश को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस वर्ष का केंद्रीय बजट इस दिशा में एकदम सही कदम लग रहा है।
महिला को बढ़ावा देने और उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने बजट में कई प्रस्ताव जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार नौकरी करने वाली महिलाओं को प्रोविडेंट फंड के लिए नौकरी के पहले तीन साल सिर्फ 8% वेतन देना होगा।
उज्जवला योजना के अंतर्गत, वर्तमान में पांच करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने की योजना को बढ़ा कर इसका लाभ आठ करोड़ महिलाओं तक पहुंचाने की योजना है।
मुद्रा योजना के अंतर्गत, अपना उद्योग स्थापित करने की इच्छुक महिलाओं को फंड देने के लिए तीन लाख करोड का आवंटन है।
सौभाग्य योजना के अंतर्गत चार करोड़ गरीब महिलाओ को मुफ्त बिजली का कनेक्शन देने की भी योजना है।
स्वच्छ भारत अभियान का एक मकसद यह भी है कि खुले में शौच को रोका जाए। इसलिए दो करोड़ नए शौचालय की योजना सरकार ने बनाई है।