कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महिला आरक्षण बिल लोकसभा में लाने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वह महिला आरक्षण बिल लोकसभा में लाए। उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को समर्थन देगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने यह पत्र 20 सितम्बर को लिखा है। पत्र में सोनिया गाँधी ने इस बात का जिक्र किया है कि लोकसभा में मोदी सरकार के पास बहुमत है। उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस भी महिला आरक्षण बिल को अपना समर्थन देगी। सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है कि राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो चुका है। लोकसभा में भाजपा के पास बहुमत है और अब आप इसे लोकसभा में भी पास कराइए।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राज्यसभा में पास हुआ था बिल
महिला आरक्षण बिल मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पास हुआ था। राज्यसभा में यह बिल 9 मार्च, 2010 को पास हुआ था। उसके बाद से महिला आरक्षण बिल किसी ना किसी वजह से लोकसभा में अटकता रहा है। 2009 में हुए लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के पास स्पष्ट बहुमत नहीं था। लेकिन मौजूदा स्थिति इससे अलग है। भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है और वह लोकसभा में अकेले दम पर इस बिल को पास करा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस अवसर का लाभ उठाने को कहा है। भाजपा का पूरा ध्यान इस समय देश में अपनी जड़ें फैलाने पर है और मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण को आगामी चुनावों में मुख्य मुद्दा बना सकती है।
मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक पर मुस्लिम महिलाओं का पक्ष लिया था और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के माध्यम से उसने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने की दिशा में व्यापक कदम उठाए है। उज्जवला योजना के माध्यम से मोदी सरकार ने महिलाओं के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए सहूलियतें दी वहीं मुद्रा योजना के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल की। मोदी मन्त्रिमण्डल में भी अहम पदों पर कई महिलाएं काबिज है और मोदी सरकार ने देश को पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री दी है। ऐसे में उम्मीद है कि चुनाव पूर्व महिला आरक्षण बिल पास कर मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण के अपने नारे को और मजबूती देने का प्रयास करेगी।