महाराष्ट्र सरकार घोषणा किया है कि राज्य के 26 जिलों में राज्य के 355 तालुकों में से 151 गंभीर सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार ने कहा कि मौजूदा स्थिति मुख्य रूप से पश्चिमी और तटीय महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के अलावा विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों को प्रभावित करेगी।
एक रिपोर्टों के अनुसार इस साल महाराष्ट्र में पिछले कुछ सालों में औसत वर्षा का केवल 77 प्रतिशत बारिश ही हुई है। सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि वे पानी के टैंकरों की मदद से दो-तीन महीने तक जीवित रहने में सक्षम हो सकते हैं लेकिन उस अवधि के बाद नहीं। उनमे से अधिकतर किसानों ने अपने फसल के लिए ऋण लिया हुआ है।
112 तालुकाओं को ‘गंभीर सूखे’ की श्रेणी में घोषित किया गया था, 39 को ‘मध्यम सूखा’ श्रेणी में नामित किया गया था। किसानों की मदद करने के लिए राज्य सरकार ने कुछ उपायों को लागू किए हैं जो अगले छह महीनों के लिए प्रभावी होंगे।
राज्य भर के अधिकारियों को विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया गया है कि राहत उपायों में किसी प्रकार की बाधाएं नहीं आनी चाहिए।
इन उपायों में शिक्षा शुल्क छूट, बिजली की आपूर्ति, ग्रामीणों को रोजगार और अन्य लोगों के बीच जल टैंकरों की तैनाती शामिल है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया संवाददाताओं से कहा कि “लंबे समय तक बारिश न होने से राज्य भर में गंभीर सूखे की स्थिति हुई है और फसलों को नुकसान हुआ है।