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    नीतीश कुमार बिहार

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज घोषणा की कि उनकी सरकार ने 31 दिसंबर की समयसीमा से काफी पहले ही राज्य के सभी 1.3 9 करोड़ परिवारों तक बिजली पहुंचा दी है। कुमार ने कहा कि ये एक ऐसी उपलब्धि है जो बिहार वासियों को सशक्त बनाएगी।

    ‘ग्रामीण क्षेत्रों में माता-पिता को अब रात में अपने बच्चों को अंधेरे में भूत छुपा है कहकर बाहर निकलने से मना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि अब बिहार के सभी गांव विद्युतीकृत हैं।’ नितीश कुमार ने उपलब्धि की जानकारी देते हुए ये बातें कही।

    साथ ही मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि ‘राज्य में बिजली विभाग का काम अभी खत्म नहीं हुआ है। बिहार के मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को दो महत्वपूर्ण कार्य सौंपे  – कृषि के लिए अलग-अलग बिजली फीडर की स्थापना और पुराने तारों को बदलना। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा कर लें।

    पटना निवासी अरविन्द कुमार ने खुश होते हुए कहा कि ‘चीजें अब बहुत बेहतर हो गई हैं। अब हमारे बच्चे नियमित रूप से पढाई कर सकेंगे और घर में महिलाएं बिना किसी कठिनाई के अपने काम को निपटा सकेंगी।’

    बिजली पहुँचने से जहाँ लोगों में ख़ुशी है वहीँ दूर दराज के लोगों के मन में थोड़ी शंकाएं भी है। फुलवारी शरीफ निवासी प्रमोद कुमार सवाल करते हैं कि ‘बिजली विभाग के अधिकारी मेरे घर आये थे, लेकिन अगर मैं इसे इस्तमाल करूँ तो ये मेरे लिए महंगा तो नहीं होगा?’

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सभी 39,073 गांवों को दिसंबर 2017 में विद्युतीकृत घोषित कर दिया था, और यह वादा किया था कि प्रत्येक परिवार को अगले वर्ष उसी महीने बिजली कनेक्शन प्राप्त होगा।

    उन्होंने कहा कि ‘2005 में, जब हम पहली बार सत्ता में आए, बिहार के छोटे शहरों और गांवों ने सभी को बिजली मिलने की आशा छोड़ दी थी। पटना में भी स्थिति बहुत खराब थी। लेकिन हमने सतत प्रयास से लक्ष्य को हासिल कर लिया और आज हर चेहरे पर मुस्कान है।’

    नीतीश कुमार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युतीकरण को उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकता के रूप में शामिल किया था। बाद में उनके मॉडल को केंद्र सरकार ने ‘सौभाग्य योजना’ के रूप में अपनाया था, जिसका उद्देश्य दिसंबर तक भारत में हर घर को विद्युतीकरण करना था।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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