बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर अभी भी अटकलों का बाजार गर्म है। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी के कहने पर नीतीश कुमार ने अपना निर्णय राष्ट्रपति चुनाव पर तो टाल दिया है पर आने वाले 48 घंटे महागठबंधन के लिए काफी अहम हो सकते है। उम्मीद है कि नीतीश कुमार 18 जुलाई को अपना निर्णय सार्वजनिक करेंगे और उनका निर्णय ही महागठबंधन का भविष्य निर्धारित करेगा।
तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर दोनों ओर से बयानबाजी का दौर जारी है। जेडीयू बार-बार इस्तीफे की बात कह रही है वहीं आरजेडी ने ऐसी किसी भी सम्भावना से इंकार किया है।
“सबकुछ ठीक है” – जेडीयू
रविवार को हुई बैठक के बात जेडीयू ने कहा कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है। महागठबंधन टूट नहीं रहा है पर किसी भी नेता ने तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर कोई बयान नहीं दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधायकों के साथ यह बैठक राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर हुई थी। सभी ने रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन किया। अपने पूरे बयान में उन्होंने कहीं भी तेजस्वी यादव का कहीं जिक्र नहीं किया।
शिवानंद की विनती – “महागठबंधन को बचा लें नीतीश”
वहीं दूसरी ओर आरजेडी नेताओं ने नीतीश कुमार से महागठबंधन को बचाने की बात कही है। पूर्व आरजेडी नेता और केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा ने कहा कि आपसी बातचीत से दोनों को यह विवाद सुलझा लेना चाहिए। वहीं पूर्व आरजेडी सांसद शिवानंद तिवारी ने इसे भाजपा की चाल बताते हुए कहा कि भाजपा महागठबंधन में फूट डालना चाहती है। उन्होंने कहा कि मैं हाथ जोड़कर नीतीश जी से विनती करता हूँ कि वो इस महागठबंधन को बचा लें।