महाराष्ट्र में हो रहे मराठा आंदोलन को वापस बुला लिया गया हैl बता दे की, मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा बुलाए गए बंद के हिंसक होने और प्रदर्शनों के बीच औरंगाबाद में एक प्रदर्शनकारी की आत्महत्या के बाद इसे वापस बुलाने का फैसला किया गया है।
बीते कुछ वक्त से यह आंदोलन मराठा क्रांति मोर्चे के द्वारा लड़ा जा रहा जिसके तहत वो सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहे हैl उनकी इस मांग को लेकर 2014 में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार ने मराठा समुदाय के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था।
परन्तु बाद में ज्ञात हुआ की आरक्षण 51 प्रतिशत से ऊपर जा रहा है जिसके तुरंत बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि मराठाओं को पिछड़े वर्ग में नहीं गिना जा सकता। अभी भी यह मामला अदालत में लंबित हैl
इस मांग को लेकर उन्होंने दोबारा यह आंदोलन शुरू किया परन्तु हाल ही में हुई हिंसा और औरंगाबाद में एक प्रदर्शनकारी की आत्महत्या के बाद इसे वापस बुलाने का फैसला किया गया है।
परन्तु देवेंद्र फडणवीस ने आंदोलनकर्ताओं से बातचीत कर समाधान निकलने की बात करी हैl फडणवीस ने कहा, ‘सरकार ने मराठा समुदाय के विरोध को संज्ञान में लिया है और इससे जुड़े कई निर्णय लिए गए हैं। सरकार उनसे बात करने को तैयार है।’
हाई कोर्ट के फैसले को मराठा समुदाय को आरक्षण न मिलने की वजह बताते हुए सीएम ने कहा, ‘सरकार ने मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए कानून बनाया था लेकिन वह बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा रोक दिया गया।’
महाराष्ट्र सरकार ने फिलहाल 72 हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती में मराठों के लिए 16 प्रतिशत पद आरक्षित रखने का फैसला किया है लेकिन इससे भी आंदोलन की आग शांत नहीं हो रही है। 2019 का लोक सभा चुनाव सर पर है और अगले साल ही राज्य में विधान सभा चुनाव भी होने हैl सरकार बिलकुल नहीं चाहती की आने वाले चुनाव में इस आंदोलन का असर उसके वोट बैंक पर पड़ेl