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    मसूर और मूंग की दाल

    भारत जैसे देश में जहाँ लोग लोग दाल के बिना पौष्टिक खाने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, उसी देश में लोग अब  जहरीली दालों का सेवन कर रहे हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट के द्वारा सामने आई है।

    देश में खाद्य सामग्री को लेकर सुरक्षा का पैमाना तय करने वाली सरकारी संस्था राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अपनी एक जाँच में इस बात को प्रमाणित किया है कि कनाडा और औस्ट्रालिया जैसे देशों से भारत में आयात की जा रही मूंग और मसूर की दालें काफी जहरीली हैं। इन दालों में बड़ी मात्र में जहरीली तत्व पाये गए हैं।

    कनाडा और औस्ट्रालिया जैसे देशों में इस समय दालों की अधिकाधिक खेती हो रही है। ऐसे में उत्पादन की मात्र को बढ़ाने के लिए कीटनाशकों और अन्य तरह के विषाक्त पदार्थों का भारी मात्रा में उपयोग हो रहा है। रसायनों के उपयोग से उपजे अनाज अपेक्षाकृत अधिक खतरनाक होते हैं।

    भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने उन सभी उपभोक्ताओं को जो इन दालों का सेवन कर रहे हैं, चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ऐसे उपभोक्ता इन दालों का सेवन तत्काल रूप से बंद कर दें।

    FSSAI ने अपनी प्रयोगशाला में इन दालों पर प्रयोग किया है, जिसके परिणाम स्वरूप यह निष्कर्ष सामने आया है कि इन दालों में खतरनाक रसायन मिला हुआ है, जिसके चलते उपभोक्ताओं के स्वास्थ को सीधे तौर पर काफी नुकसान पहुँच सकता है।

    FSSAI की रिपोर्ट में सामने आया है कि इन दालों में जो रासायनिक तत्व सबसे अधिक मात्रा में मिला है, वह ग्लाइफोसेट नाम का एक रसायन है। इस रसायन का उपयोग खेती के दौरान उगे खरपतवार को नष्ट करने में किया जाता है। यह बेहद ताकतवर रसायन है और भारत में आयात हुई दालों में यह बड़ी मात्रा में पाया भी गया है।

    गौरतलब है कि ग्लाइफोसेट को पहले खाने योग्य रसायन माना जाता था, लेकिन WHO ने इसके संदर्भ में एक चेतावनी जारी कर इसे खतरनाक रसायनों की श्रेणी में रख दिया था।

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