अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में जैश मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित के लिए प्रस्ताव प्रस्तावित करेगा। वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में आने से मसूद अज़हर पर यात्रा प्रतिबंद लग जायेगा, उसकी संपत्ति फ्रीज और हथियारों को आधिकारिक तौर पर बैन कर दिया जायेगा।
यूएन में प्रस्ताव
15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद् में यह प्रस्ताव स्थायी सदस्यों द्वारा प्रस्तावित किया जायेगा। यूएन समिति के समक्ष इस प्रस्ताव को रखने के लिए 10 दिनों का समय है। मसूद अज़हर को बीते 10 वर्षों से वैश्विक आतंकी घोषित करने का यह चौथी बार प्रयास होगा।
साल 2009 में भारत ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। साल 2016 में भारत ने ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस के साथ यूएन में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में रखने के लिए प्रस्ताव रखा था। साल 2017 में तीन स्थायी सदस्यों ने ऐसा ही प्रस्ताव रखा, हालाँकि चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया था।
जैश का आतंकी हमला
पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी समर्थित आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद ने ली है। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ से काफिले से टकराई एक कार में भयानक विस्फोट हुआ, जिसमे 44 जवान शहीद हो गए और पांच बुरी तरह जख्मी थे।
चीन की यूएन सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट है और वह हमेशा अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान के समर्थन में फैसले करता है। भारत ने कई बार मसूद अज़हर को यूएन में वैश्विक आतंकी घोषित करने की कोशिश की है लेकिन चीन ने हमेशा अड़ंगा डाला है।
मसूद अज़हर की रिहाई
मसूद अज़हर को यूएन सुरक्षा परिषद् में वैश्विक आतंकी घोषित करने पर चीन का पक्ष के बाबत उन्होंने कहा कि “1267 सुरक्षा परिषद् कमिटी ने आतंकी संघठनो के खिलाफ लिस्टिंग पर शर्त और प्रक्रिया स्पष्ट है। चीन प्रतिबंधों से सम्बंधित मसलों को रचनात्मक व दायित्व से संभालेगा।”
दिसंबर 1999 में अटल बिहारी वाजपयी सरकार के कार्यकाल में मसूद अज़हर को रिहा कर दिया गया था। इसके साथ ही मुश्ताक़ अहमद ज़रगर और ओमर शेख को भी रिहा किया गया था। इन आतंकियों की रिहाई हाईजैक इंडियन एयरलाइन फ्लाइट IC-814 के यात्रियों के बदले की गयी थी।