यूरोपीय संघ में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी सूची में शामिल करने की पहल जर्मनी ने की है। हाल ही में चीन ने चौथी दफा संयुक्त राष्ट्रपत में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगाया था।
ANI के सूत्रों के मुताबिक जर्मनी इस बाबत ईयू के कई सदस्यों के साथ संपर्क में हैं।
28 सदस्यीय यूरोपीय संघ के सभी सदस्य इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं। फ्रांस ने जैश ए मोहम्मद के संस्थापक और सरगना मसूद अज़हर की अपने देश में स्थित संपत्ति को जब्त करने का निर्णय लिया है। फ्रांस ने कहा कि वह मसूद अज़हर को यूरोपीय यूनियन की सूची में शामिल करने पर भी विचार कर रहा है, जिसमे आतंकवाद में संलिप्त संदिग्धों का नाम शामिल होता है।
फ्रांस नें कहा है कि पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को एक आतंकवादी घटना हुई, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान में स्थित जैस-ए-मोहम्मद नें ली थी। यह संस्था संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित एक अंतराष्ट्रीय आतंकवादी संस्था है। फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में हमेशा भारत के साथ रहा है और रहेगा।
फ्रांस नें यह फैसला किया है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर मसूद स्तर की संपती को जब्त करके उसके खिलाफ एक्शन लेगा। आतंरिक मंत्रालय और सम्बंधित सरकारी संस्थाओं नें यह फैसला लिया है।हम यह भी कोशिश करेंगे कि हम अन्य यूरोपीय देशों के साथ मिलकर मसूद अजहर को यूरोपीय देशों की आतंकवादी सूचि में उसका नाम जोड़ें।
मसूद अज़हर ने भारत में कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 40 सीआरपीएफ के जवानों की मृत्यु हुई थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में बुधवार देर रात को चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल होने से बचा लिया था।
यह चौथी दफा है जब चीन ने तकनीकी आधार पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया हैं। इस मसौदे को यूएन के अन्य स्थायी सदस्यों ने प्रस्तावित किया था। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल थे।