ज्यों ज्यों ही चुनाव सर पर आ रहे है भारतीय राजनीति भी जगमगा उठी है। लोक सभा चुनाव सर पर है तमाम पार्टियां अपनी अपनी तैयारियों में लगी हुई है।
भारतीय जनता पार्टी पहले से काफी सशक्त हो चुकी है। देश के कई राज्यों में पार्टी का जनाधार बड़ा है एवं उसका चुनावी प्रदर्शन भी काफी हद तक सुधरा है इसी को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां अब कि बार पुरज़ोर ज़ोर लगा रही है।
भाजपा की आंधी से बहुत से क्षेत्रीय दल आज हाशिये पर है। बहुजन समाज पार्टी जो एक समय में राष्ट्रिय स्तर पर थी आज के समय में ज़मीन पर भी दिखलाई नहीं पड़ती। परिणाम स्वरुप पार्टी अध्यक्ष मायावती स्वयं चुनाव के दंगल में उतरेंगी।
इस आंधी में बहुत काम पार्टियां ही अपना वर्चस्व कायम रख पाई। उन में से एक पार्टी है तृणमूल कांग्रेस। बंगाल में अपना वर्चस्व बनाये रखना एवं भाजपा को रोकना ममता बनर्जी कि पार्टी ने बखूबी किया।
अब आने वाले चुनाव को लेकर ममता बनर्जी ने शंखनाद कर दिया है। कोलकाता में शहीदी दिवस के मौके पर वार्षिक रैली को सम्बोधित करते हुए ममता ने राज्य में चुनावी हुंकार भर दी है। रैली में हज़ारो की भीड़ में लोग एकत्रित हुए। इसके द्वारा ममता बनर्जी ने शक्ति प्रदर्शन भी किया।
रैली को सम्बोधित करते हुए ममता ने बताया कि कई विपक्षी दल के नेता भी उनसे जुड़ गए है एवं विरोधियों को जता दिया की तृणमूल कांग्रेस को हलके में ना ले। इस बीच ममता बनर्जी ने यह बताया कि बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद चंदन मित्रा, पूर्व सीपीएम सांसद मोईनुल हसन, कांग्रेस नेता यास्मिन और मिजोरम के एडवोकेट जनरल विश्वजीत देब टीएमसी में शामिल हो गए हैं।
अपनी रैली में ममता ने इशारो ही इशारो में नरेंद्र मोदी पर कई हमले किए एवं ‘बीजेपी भारत छोड़ो’ का नारा दिया। भारतीय जनता पार्टी से इसको लेकर अभी तक कोई प्रमुख टिप्पणी नहीं आई है।