बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मौजूदा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन से इंकार के बावजूद समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को मध्य प्रदेश में अभी भी थोड़ी उम्मीद दिखती है।
मंगलवार को अखिलेश यादव ने कांग्रेस से कहा कि ‘अभी चुनाव समाप्त नहीं हुए हैं। मैं कहता हूँ अभी भी वक़्त है आपके पास, आप अभी भी कोशिश कर सकते हैं (गठबंधन के लिए ) . बसपा को साथ लीजिये, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को साथ लीजिये … और उसके बाद आप (कांग्रेस) आसानी से मध्य प्रदेश में 200 सीट जीत सकते हैं।’
अखिलेश ने अपनी पार्टी का नाम नहीं लिया। महीने की शुरुआत में ‘कांग्रेस ने हमें बहुत लम्बा इंतज़ार कराया’ कह कर समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश में अपने 6 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी थी। राज्य में समाजवादी पार्टी का गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जनजातीय क्षेत्रों में अच्छा खासा प्रभाव है।
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस के कोई गठबंधन नहीं किया है। पिछले साथ उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन बुरी तरह से नाकाम हो गया था और भारतीय जनता पार्टी जबरदस्त बहुमत के साथ सत्ता में वापस आई थी।
मध्य प्रदेश में मायावती के साथ गठबंधन की बातचीत असफल होने के बाद कांग्रेस अकेले ही चुनाव मैदान में है। मायावती ने मध्य प्रदेश में 231 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें चाहती थी साथ ही बसपा राजस्थान में भी अच्छी सीटें चाहती थी जो कांग्रेस को मंजूर नहीं था।
उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस और बसपा का गठबंधन राज्य में अपने चौथी पारी की कोशिश में जुटी भाजपा के लिए झटका साबित होगा और कांग्रेस को सत्ता में वापस लाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
मायावती ने गठबंधन टूटने का सारा ठीकरा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के ऊपर फोड़ दिया। मायावती के अनुसार दिग्विजय ने कहा कि ‘भ्र्ष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए मायावती भाजपा को फायदा पहुँचाना चाहती हैं।’