कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी की राजनीतिक सक्रियता काफी बढ़ गई है। वह लगातार विदेश दौरों पर जा रहे हैं और देश की राजनीति में भी काफी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। महाराष्ट्र और गुजरात दौरों के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी वीरभूमि हिमाचल पहुँच गए हैं। हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी कही जाने वाली मण्डी में आज उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के चुनावी अभियान का आगाज किया। जनता को सम्बोधित करते हुए राहुल गाँधी ने केंद्र की सत्ताधारी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। देशभर में चर्चित रहे गुजरात मॉडल की आलोचना करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि गुजरात के जिस इकोनॉमिक मॉडल की चर्चा होती है दरअसल वह सिर्फ बड़े-बड़े व्यापारियों के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी बेरोजगारी है केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से 30 लाख युवाओं का रोजगार छिन गया है।
बेरोजगारी रहा मुख्य मुद्दा
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने पूरे भाषण के दौरान मोदी सरकार पर हमलावर रवैया बनाए रखा। देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी के लिए उन्होंने केंद्र की सत्ताधारी मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। राहुल गाँधी ने अपने भाषण के दौरान भाजपा शासित गुजरात को भी केंद्र बिंदु बनाए रखा। राहुल गाँधी ने कहा कि वह पिछले दिनों गुजरात गए थे और गुजरात की हकीकत से वाकिफ हुए। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं देती जबकि हिमाचल सरकार 1000 रुपए प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देती है। राहुल गाँधी ने कहा कि देश में जहाँ भी भाजपा की सरकार है वहाँ किसान आत्महत्या कर रहे हैं। भाजपा द्वारा लगातार की जा रही किसानों की उपेक्षा से आजिज आकर किसान खुदकुशी करने को मजबूर हो रहे हैं।
राहुल गाँधी ने केंद्र की सत्ताधारी मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार जनता की भावनाओं के साथ जुड़ने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि देश को वही चला सकता है जो देशवासियों से जुड़ सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात तो करते हैं पर जनता के मन की बात नहीं सुनते हैं। हिमाचल प्रदेश की सत्ताधारी कांग्रेस सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने पिछले 5 सालों में राज्य को 4 नए मेडिकल कॉलेज दिए हैं जबकि इस दौरान गुजरात में कोई भी नया मेडिकल कॉलेज नहीं बना है। राहुल गाँधी ने हिमाचल सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि छोटा राज्य होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश में 5 सालों में 70,000 लोगों को सरकारी नौकरी मिली है जबकि गुजरात में यह आंकड़ा सिर्फ 10,000 तक ही सीमित है।
गिरती जीडीपी पर साधा निशाना
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपने भाषण के दौरान देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी पर हमला किया। राहुल गाँधी ने कहा नोटबन्दी की वजह से आज देश की विकास दर 2 फीसदी नीचे आ गई है। राहुल गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की जीडीपी पर हमला बोल दिया है। जीएसटी ने छोटे व्यवसायियों और उद्योगपतियों की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि देश में 18 फीसदी से अधिक टैक्स नहीं होना चाहिए। चीन की सरकार हर रोज अपने देश में युवाओं को रोजगार के 50,000 नए अवसर उपलब्ध करा रही है वहीं मोदी सरकार हर रोज बमुश्किल 450 युवाओं को रोजगार मुहैया करा पा रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने राज्य में 13,000 से अधिक स्कूल बंद कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ भाषण देते हैं और उनके वादों की जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
हिमाचल कांग्रेस में उठने लगे थे बगावती सुर
पिछले कुछ वक्त से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे थे और इस सम्बन्ध में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र भी लिखा था। कांग्रेस आलाकमान ने इस विषय पर तत्परता दिखाई थी। आलाकमान के बुलावे पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाकात की थी। वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस आलाकमान के फॉर्मूले को स्वीकार कर लिया था। ऐसे में यह बात स्पष्ट हो गई थी कि आगामी विधानसभा चुनावों से पूर्व हिमाचल कांग्रेस एकजुट हो सकती है और वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में सियासी दंगल में उतर सकती है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने आज 7 अक्टूबर को मण्डी में एक बड़ी रैली कर कांग्रेस के चुनावी अभियान का श्री गणेश किया।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह में काफी समय से तानातानी चल रही थी। मौजूदा कांग्रेस सरकार के 27 विधायकों ने वीरभद्र सिंह को अपना नेता माना था और उनके समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में लड़ने की बात कही थी। वीरभद्र सिंह को कई अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का भी साथ मिला था जिसके बाद हिमाचल कांग्रेस में फूट के आसार नजर आ रहे थे। राहुल गाँधी से मुलाकात के दौरान पार्टी महासचिव और हिमाचल कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस की प्रभारी सचिव एवं सांसद रंजीता रंजन भी मौजूद थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने स्पष्ट किया था कि टिकट बँटवारे वीरभद्र सिंह के अनुसार ही होगा पर सुखविंदर सिंह हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे।
कांग्रेस आलाकमान और वीरभद्र सिंह में उभरे थे मतभेद
चुनाव आयोग के पूर्वानुमानों के हिसाब से नवंबर में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। एक के बाद एक कांग्रेस की राज्य इकाईयों में हो रही बगावत में अगला नाम हिमाचल प्रदेश का जुड़ा था। हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में बँटती नजर आ रही थी। प्रदेश सरकार और कांग्रेस संगठन की आतंरिक लड़ाई खुलकर सामने आ गई थी। हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह से मतभेद थे और वह कांग्रेस आलाकमान पर खुलकर हमला बोल रहे थे। पार्टी आलाकमान से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी अपनी पूर्ववर्ती नीतियों से “अलग दिशा में” आगे बढ़ रही है। उन्होंने पार्टी को चेताया था कि मनमाफिक तरीके से चयन करने का यह तरीका पार्टी का खात्मा कर देगा।
कुल्लू जिले के निरमंड में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि पार्टी नेतृत्व को सोचने और कामकाज करने के तरीकों में बदलाव लाने की जरुरत है। कांग्रेस कारोबारियों की पार्टी नहीं है। कांग्रेस का आधार देश की आजादी के लिए अपना जीवन कुर्बान करने वाले लोगों से जुड़ा है। वीरभद्र सिंह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठतम सदस्यों में से एक हैं और वह जवाहर लाल नेहरू के समय से ही कांग्रेस से जुड़े हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह से मतभेद चल रहे थे और इस बाबत उन्होंने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गाँधी को चिट्ठी भी लिखी थी। उनके पीछे 27 विधायकों ने उनके समर्थन में कांग्रेस सुप्रीमो को चिट्ठी लिखी थी और वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी।
हिमाचल कांग्रेस विधायकों ने लिखी थी सोनिया गाँधी को चिट्ठी
नाराजगी स्वरुप लिखी चिट्ठी में कांग्रेस के कद्दावर नेता और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राज्य के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह के खिलाफ नाराजगी जताई थी। हिमाचल कांग्रेस के 27 विधायकों ने इसका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव वो वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही लड़ेंगे। इस मसले पर शिमला में कांग्रेसी विधायकों की बैठक भी हुई थी। बैठक में यह तय किया गया था कि वीरभद्र सिंह जैसे कद और व्यक्तित्व वाला कोई भी नेता हिमाचल प्रदेश में नहीं है। ऐसे में उनके बिना विधानसभा चुनावों में जीत हासिल नहीं की जा सकती। विधायकों ने कहा था कि पार्टी आलाकमान को इस मसले को सुलझाना होगा और विधानसभा चुनावों में पार्टी की बागडोर वीरभद्र सिंह को सौंपनी होगी।
वीरभद्र के समर्थन में उतर आए थे दिग्गज कांग्रेसी
हिमाचल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का समर्थन किया था। पार्टी विधायकों की बैठक में उन्होंने वीरभद्र सिंह को अपना नेता माना था और खुले तौर पर कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव वे वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही लड़ेंगे। वीरभद्र सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस आलाकमान इस मसले पर उनका साथ नहीं देता है तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपने समर्थकों को भी नहीं लड़ने देंगे। इससे हिमाचल कांग्रेस में बगावत के आसार नजर आने लगे थे। 24 अगस्त को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखी गई चिठ्ठी के बाद अगले ही दिन कांग्रेस विधायकों ने बैठक की थी। वीरभद्र सिंह का समर्थन करने वालों में हिमाचल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी, विद्या स्टोक्स और जी एस बाली के नाम शामिल थे।
राहुल ने किया वीरभद्र सिंह की दावेदारी का समर्थन
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने हिमाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को बतौर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद वीरभद्र सिंह सातवीं बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे। वीरभद्र सिंह की तारीफ करते हुये राहुल गाँधी ने कहा कि मुख्यमंत्री राजा नहीं बल्कि फ़कीर आदमी हैं और वह दिल से काम करते हैं। शायद यही वजह है कि हिमाचल की जनता से उन्हें इतना प्यार मिला है और वह 6 बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। राहुल गाँधी की मण्डी रैली में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे, सह प्रभारी रंजीता रंजन और हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा उपस्थित थे।