भीम आर्मी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आज़ाद ने अयोध्या मे विश्व हिन्दू परिषद की धर्मसभा को 2019 मे लोकसभा चुनावों से पहले देश मे धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास बताया है और कहा है कि वो सोमवार को अयोध्या का दौरा करेंगे।
उत्तर प्रदेश मे शहरों के नाम बदलने की भाजपा की रणनीति पर प्रतिक्रिया देते हुये उन्होने कहा कि योगी जी को अयोध्या का नाम बदलकर साकेत कर देना चाहिए। अयोध्या का नाम साकेत भगवान बुद्ध के समय था।
उन्होने कहा कि वर्तमान मे अयोध्या मे जो कुछ भी हो रहा है वो भाजपा और संघ परिवार की कोशिश है संप्रादायिक उन्माद पैदा करने की और हिंसा भड़का कर 2019 के चुनावों मे फायदा उठाने की।
दलित संगठन भीम आर्मी के चीफ ने कहा कि ये देश संविधान के बल पर चल सकता है। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले पर जो भी फैसला देगा उसे सबको स्वीकार करना चाहिए। लेकिन दक्षिणपंथी संगठनो ने पवित्र नगरी मे कानून-व्यवस्था बिगाड़ने कि कोशिश की है।
चन्द्रेशेखर ने कहा ‘मैं सोमवार को अयोध्या का दौरा करूंगा और अपने साथ संविधान की एक प्रति ले जाऊंगा। मैं जिलाधिकारी से मिलुंगा और उन्हे याद दिलाऊँगा कि कानून और व्ब्यस्था कि हिफाजत करें और किसी को भी इसे अपने हाथों मे न लेने दें।
उन्होने कहा कि ‘भाजपा सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों मे कुछ भी नहीं किया और जब चुनाव नजदीक है तो उनके नेता राम मंदर का मुद्दा उठा रहे हैं।
रविवार को अयोध्या मे विश्व हिन्दू परिषद कि धर्मसभा का आयोजन हुआ। इसमे दो लाख से अधिक राम भक्तों ने हिस्सा लिया। 1992 के बाद अयोध्या मे पहली बार इतनी बड़ी संख्या मे रामभक्तों का जमावड़ा हुआ था।
आज़ाद ने दावा किया कि बाबरी मस्जिद गिराने के लिए 6 दिसंबर कि तारीख बहुत ही सोच समझ कर चुना गया था।
चन्द्रेशेखर ने कहा कि ‘6 दिसंबर बाबा साहेब अंबेडकर कि पुण्यतिथि है और 26 नवंबर को संविधान दिवस है। बाबा साहेब की महानता को समाप्त करने के लिए ये सब किया गया।’