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    स्टार्टअप-भारत-सरकार

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज से दो साल पहले ‘स्टार्टअप इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। इसके जरिये प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य था कि देश में ज्यादा से ज्यादा लोग अपना व्यापार शुरू कर सकें, जिससे लोगों को रोजगार भी दिया जा सके। इस योजना के बारे में जब हाल ही में लोगों से पूछा गया, तो उनकी सबसे बड़ी शिकायत टैक्स को लेकर थी।

    जिन लोगों ने स्टार्टअप शुरू किये हैं, उनका कहना है कि कठिन टैक्स प्रकिर्या की वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जहाँ एक ओर सरकार जीएसटी के जरिये टैक्स प्रणाली को आसान बनाना चाहती है, वहीँ दुसरे ओर लोगों को इससे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ( सम्बंधित खबर : जीएसटी के भारी टैक्स से छोटे कपड़ा व्यापारी परेशान )

    इस समस्या के लिए अब सरकार की कोशिश है कि टैक्स प्रणाली को स्टार्टअप के लिए कुछ आसान बनाया जाए। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो सरकार इस क्षेत्र में पहली ही कदम उठा चुकी है। जाहिर है कल से हैदराबाद में विश्व उधमिक सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी यहाँ शामिल होकर विभिन्न लोगों से मिलेंगे, जो स्टार्टअप के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

    हाल ही में एक अनुभवी अधिकारी ने बताया, “विश्व में मैंने 60 से ज्यादा व्यापारों में निवेश किया है। इन कंपनियों में से कई बार कंपनियां मुझे आकर कहती हैं, कि मेरी निवेश राशि पर भी मुझे टैक्स देना होगा।” उन्होंने आगे कहा कि यही कारण है कि देश में एंजेल निवेश में 53 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

    अभिषेक गोयनका नामक एक अन्य अधिकारी ने बताया, “स्टार्टअप में निवेश पर लगने वाला टैक्स ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हालाँकि सेबी और विदेशी निवेशकों को इसमें छूट दी गयी है, लेकिन देशी निवेशकों को इससे जूझना पड़ता है। कई कंपनियों को टैक्स से सम्बंधित नोटिस लगातार मिलते रहते हैं।”

    हालाँकि सरकार इस विषय में कदम उठाने की सोच रही है, लेकिन फ़रवरी 2018 से पहले ऐसा होना मुश्किल है ,ऐसा इसलिए क्योंकि फरवरी में सरकार बजट पेश करेगी। इसके बावजूद सरकार कुछ सामान्य बदलाव उससे पहले भी कर सकती है, जिससे कारोबारियों को राहत पहुँच सके।

    यदि सरकार ऐसा करती है, तो देशभर में मौजूद लाखों लोगों को इससे मदद मिलेगी और भविष्य में भी लोग स्टार्टअप शुरू करने से पहले टैक्स को लेकर चिंतित नहीं होंगे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।