दृष्टिबाधित क्रिकेट विश्वकप में भारतीय टीम लगातार दूसरी बार विजयी रही और कप पर अपना आधिपत्य क़ायम रखा। वर्ष 2014 में कप्तान शेखर नाइक की कप्तानी में खेलने उतरी भारतीय टीम ने देश को पहली दफा दृष्टिबाधित क्रिकेट विश्वकप हासिल किया था। वर्ष 2018 में कप्तान अजय कुमार रेड्डी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने कप को दुबारा जीत कर उसको घर में ही बनाए रखा। इस जीत के साथ भारत और पाकिस्तान संयुक्त रूप से क्रिकेट विश्वकप के इस प्रारूप को सबसे ज़्यादा बार जीतने वाले दल हैं।
कट्टर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को फाइनल में रोमांचक मुकाबले में हराने वाली भारतीय टीम को विभिन्न वर्गों एवं समुदायों से सराहना मिली। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भारतीय टीम के सदस्यों का कल दुबई में भारतीय समुदाय के कुछ प्रतिष्ठित लोगों द्वारा आयोजित किये गए समारोह में सम्मान क़िया गया।
Trophy🏆 dedicated to the soldiers who give their lives for us: Indian🇮🇳captain (Blind Cricket Team)@cgidubai pic.twitter.com/ulYjdLj9gu
— All India Radio News (@airnewsalerts) January 21, 2018
उपरोक्त समारोह में भारतीय टीम के कप्तान अजय कुमार रेड्डी ने अपनी विश्वकप जीत को भारतीय सेना के उन जवानों को समर्पित किया जिन्होंने अपनी जान को दांव पर लगा कर हमारी जानों को सुरक्षित करने का बीड़ा उठाया हुआ है। अजय कुमार रेड्डी के इस फैसले पर उनकी खूब तारीफ हुई और उनका यह कदम आदर योग्य माना गया क्योंकि जिस तरह की परिस्थितियों का सामना हमारे जवानों को करना पड़ता है, वो उन्हें हमारे लिए आदर व सम्मान का पात्र बनाता है। सोशल मीडिया पर उनके इस कदम की काफी प्रशंसा हुई।
भारतीय टीम की जीत के बाद तारीफों के पुल बांधने वालों का तो जैसे तांता लग गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर खेल जगत की तमाम हस्तियों ने भारतीय दल की प्रशंसा कर उनका हौसला बढ़ाया था। भारतीय टीम की इस विजय ने हमें गौरवान्वित किया है।
रोचक जानकारी– दृष्टिबाधित क्रिकेट में इस्तेमाल की जाने वाली गेंद साधारण क्रिकेट गेंद से आकार में बड़ी होती है एवं उसमें छल्ले लगे होते हैं। गेंदबाज़ को गेंद फेंकते समय “प्ले” चिल्लाना होता है।