भारत तकनीकी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। भारत ने मिसाइल क्षेत्र में काफी तरक्की हासिल की है। भारत ने मंगलवार को परमाणु सक्षम छोटी दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 (ए) का सफल परीक्षण किया है। ओडिशा के बालासोर में अब्दुल कलाम आइलैंड पर मंगलवार सुबह 8.30 बजे मिसाइल का परीक्षण किया गया।
बेहतर री-एंट्री प्रौद्योगिकी और गतिशीलता के साथ ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इससे दो सप्ताह पहले इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-वी का भी सफल परीक्षण किया गया था।
ग्राउंड रडार, टेलीमेटरी स्टेशन और नौसैनिक जहाजों ने मिसाइल के दौरान इसकी निगरानी की। यह परीक्षण भारतीय सेना के स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड द्वारा किया गया। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि मिसाइल उच्च सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुंची। तट पर स्थित सभी ट्रेकिंग सिस्टम ने मिसाइल के मापदंडों को ट्रेक किया और इसकी निगरानी की। अग्नि-1 (ए) का वजन करीब 12 टन है। इसकी मारक क्षमता सतह पर 700 किलोमीटर है। 15 मीटर की ऊंचाई वाली इस मिसाइल में तरल और ठोस दोनों तरह के ईंधन का प्रयोग हो सकता है।
इस वजह से यह एक सेकंड में 2.5 किमी प्रति घंटे की दूरी तय कर सकती है। यह लगभग 1000 किलो की पारंपरिक और परमाणु पेलोड ले सकता है। इसे सड़क और रेल मोबाइल लॉन्चरों दोनों से नष्ट किया जा सकता है।
मिसाइल के परीक्षण से पहले मछुआरों को चेतावनी दी गई थी कि वे परीक्षण के दौरान समुद्र मे नहीं उतरे। नौकाओं में सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों को गश्ती के लिए लगाया गया था। तट पर भारी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई थी।