भारत में नियुक्त पाकिस्तान के उच्चायुक्त को भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने अपने दफ्तर में तलब किया और पाकिस्तान को कश्मीर मसले से दूर रहने की हिदायत दी थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रितानी संसद में कश्मीर मसले पर आगामी मुलाकात पर भारत ने विरोध दर्ज किया है। भाररत सरकार ने आगाह भी किया कि “अगर पाकिस्तान कश्मीर मसले पर कदम उठाएगा तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, वह भारत के आंतरिक मामलों में सीधे दखलंदाजी कर रहा है।”
ब्रिटेन में दर्ज विरोध
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि “हमने ब्रितानी सरकार के समक्ष सख्त लहजे में कहा कि उनकी सरजमीं का इस्तेमाल भारत विरोधी सम्मेलन और रैली के लिए नहीं होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि वह इसे गंभीरता से लेंगे और ऐसे सम्मेलन के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।” ब्रिटेन की संसद में 4 फ़रवरी को “आल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप ऑफ़ पाकिस्तान” की बैठक होगी। इसके खिलाफ भारत के उठाये गए क़दमों के बाबत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे।
पाकिस्तानी मंत्री की अधिकारिक यात्रा नहीं
अधिकारीयों ने उम्मीद जताई कि “पाकिस्तान के विदेश मंन्त्री शाह महमूद कुरैशी की ब्रिटेन यात्रा में उनका अधिकारिक इस्तेकबाल नहीं किया जायेगा।” कुरैशी लन्दन में एक सम्मेलन में शरीक होंगे और इससे ब्रितानी सरकार इससे दूरी बनाकर रखेगी।
ब्रिटेन के उच्चायोग ने कहा कि शाह महमूद कुरैशी की लन्दन का दौरा अनाधिकारिक है और ब्रितानी सरकार से मुलाकात की कोई योजना नहीं है। ब्रिटेन अपनी स्थिति पर कायम है कि भारत और पाकिस्तान को मिलकर कश्मीर में हालातों में स्थिरता के लिए एक अंतिम राजनीतिक समाधान निकालना चाहिए।
पाक विदेश मंत्री की अलगाववादी नेता से वार्ता
पाकिस्तानी मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में “पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस से बातचीत की और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ पाकिस्तान के प्रयासों के बाबत उन्हें सूचना दी।” मिर्वैज़ उमर फारूक ने इसके बाद पत्रकारों से कहा कि “पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इस बात पर अफ़सोस व्यक्त किया है कि इमरान खान के निरंतर गंभीर प्रयासों के के बावजूद नई दिल्ली की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया था।
भारत के अंदरूनी मामलों में न करे हस्तक्षेप
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त मोहम्मद सोहेल को कहा कि “पड़ोसी मुल्क के ऐसे कदम भारत के अंदरूनी मामले में दखलंदाजी है।” विजय गोखले ने राजदूत से कहा कि “ऐसी खेदजनक कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सभी मानदंडों का उल्लंघन करती है, बल्कि पाकिस्तान के खुद के मानकों का भी।” विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि “पाकिस्तानी विदेश मंत्री की ऐसी कार्रवाई सीधे भारतीय आन्तरिक मसलों में हस्तक्षेप है।
भारत में ब्रिटेन में पनप रहे भारत विरोधी समूहों के खिलाफ कई बार आवाज़ उठायी है। बीते अगस्त में ब्रितानी सरकार ने भारत के आग्रह का सम्मान करते हुए खालिस्तानी समर्थकों की लन्दन में आयोजित रैली को रद्द कर दिया था। लन्दन में एपीपीजी समूह ने हाल ही कश्मीर पर जारी एक रिपोर्ट का खुलासा किया था। इस रिपोर्ट में कथित मानवधिकार उल्लंघन का दावा किया गया था।