लोकसभा में बुधवार को बताया कि फिलिस्तीन को परियोजनाओं के विस्तार और बजट में सहयोग के लिए विदेश मंत्रालय ने 72.1 मिलियन डॉलर की राशि दी है। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि फिलिस्तीन में अधिकतर परियोजनाओं पर अभी कार्य जारी है। इसमें कूटनीतिक संस्थान की स्थापना, भारतीय-फिलिस्तीन तकनीकी पार्क, अस्पताल, महिला सशक्तिकरण केंद्र, प्रिंटिंग प्रेस और विद्यालय के निर्माण शामिल है।
वीके सिंह ने कहा कि हमने बजट सहयोग में तीन करोड़ डॉलर की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि भारत सालाना यूएन रिलीफ एंड वर्क एजेंसी फॉर फिलीस्तीन रेफ्युजिस के विकास में योगदान देती है। यह योगदान 1.25 मिलियन डॉलर से 5 मिलियन डॉलर तक का होता है।
भारत ने परियोजना सहायता में मदद राशि में 72.1 मिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी की है। बीते वर्ष फ़रवरी में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की की फिलिस्तीन यात्रा के दौरान उन्होंने 42.1 मिलियन डॉलर की मदद राशि देने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि हम फिलिस्तीन के साथ अपने संबंधों को बरकरार रखेंगे। फिलिस्तीन कारणों को राजनीतिक समर्थन देंगे और उच्च स्तर की वार्ता करेंगे।
उन्होंने कहा था कि हम फिलिस्तीन को वित्तीय सहायता में विस्तार का ऐलान करते हैं। उन्होंने कहा कि हम यूएन जनरल असेंबली में स्टेट ऑफ़ येरुशलम के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। हाल ही में भारत ने ‘प्रोटेक्शन ऑफ़ फिलिस्तीन सिविलियन पापुलेशन’ प्रस्ताव के समर्थन में किया था।
वीके सिंह ने कहा कि उच्च स्तरीय वार्ता फिलिस्तिने के साथ द्विपक्षीय समझौते को विविध बनाने में मददगार साबित होंगे। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, कृषि, सूचना, संचार तकनीक व सुरक्षा जैसे मसले शामिल है। आगामी माह में भारतीय प्रतिनिधियों को फिलिस्तीन भेजने की योजना के बाबत वीके सिंह ने इनकार किया था।
ब्रिटेन में आप्रवासी नियमों के ऐलान पर वीके सिंह ने कहा कि नई दिल्ली में स्थित ब्रिटेन उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय को 9 जुलाई के दिन एक सन्देश भेजा था कि ब्रिटेन में बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष भारतीय छात्रों को प्रक्रिया पूर्ण करने में कोई तकलीफ नहीं होगी।