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    भारत पाकिस्तान कैदी

    भारत व पाकिस्तान की जेल में दोनों ही देशों के कई नागरिक बंद है। समय-समय पर दोनों देश मानवीय आधार पर एक-दूसरे के नागरिकों को जेल से रिहा भी करते आए है। अब सूत्रों के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान को 70 साल से अधिक आयु के सभी कैदियों को रिहा करने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें बुजुर्ग, महिलाएं, मानसिक रूप से बीमार लोग भी शामिल है।

    विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री ने दोनों देशों की जेल में बंद कैदियों के रिहा करने के बारे में प्रस्ताव भी दिया है।

    भारत की तरफ से ये प्रस्ताव 17 अक्टूबर को हुई बैठक के दौरान दिया गया था लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इस बारे में जवाब आने का इंतजार किया जा रहा है। सुषमा स्वराज ने इस प्रस्ताव की पुष्टि 21 दिसंबर को हुई विदेश मामलों के मंत्रालय की तीसरी संसदीय सलाहकार समिति में की थी।

    इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भाग लिया था। बैठक में सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं किया जाता है तब तक मधुर संबंधों के बारे में कोई बात नहीं की जा सकती है।

    मानवीय आधार पर दिया गया प्रस्ताव

    हालांकि जेल में बद कैदियों को रिहा करने का प्रस्ताव मानवतावादी पहलू के आधार पर किया गया था। पाकिस्तान में भी एक उच्चस्तरीय स्रोत ने यह भी पुष्टि की है कि भारत ने एक प्रस्ताव रखा है जो कि मानवीय मुद्दों का हिस्सा है।

    भारत व पाकिस्तान दोनों देश ही आम कैदियों व मछुआरों की रिहाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे है जो कि समुद्री सीमाओं में रहते है। पाकिस्तान ने हाल ही में घोषणा की है कि वो 29 दिसंबर और 4 जनवरी को लगभग 200 मछुआरों के बड़े समूह को रिहा करने वाले है।

    गौरतलब है कि पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की मां व पत्नी आज इस्लामाबाद में उससे मुलाकात करने जा रहे है।