भारत और पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र की सभा में दोनों देशो के समकक्षीयों की मुलाक़ात रद्द करने के बाद नई दिल्ली ने इस्लामाबाद को एक और झटका दिया है। भारत ने दो हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पाकल डुल और लोअर कैनाल की जांच को टालकर पडोसी देश को सकते में डाल दिया है।
पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक भारत ने इन प्रोजेक्ट की जांच को टालने का फैसला लिया है जबकि पाकिस्तानी विशेषज्ञ स्थानीय कारणों का हवाला दे रहे हैं। एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की बैठक में सुषमा स्वराज और शाह मेहमूद की बैठक को रद्द करने का नई दिल्ली का निर्णय विवाद की वजह बन सकता है।
नई दिल्ली का हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की जांच को टालने का यह फैसला तब आया जब भारत का प्रतिनिधि सिंधु जल समझौते पर बात करने पाक दौरे पर आये था। भारत के प्रतिनिधित्व समूह का नेतृत्व जल कमिशनर पी के सक्सेना कर रहे थे।
पाकिस्तान के सियासी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ के मुखिया का देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच सिंधु जल पर वार्ता बातचीत का पहला मौका था।
भारत और पाकिस्तान ने नौ वर्षों की वार्ता के बाद साल 1960 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जो विश्व बैंक की निगरानी में हुआ था।
इस समझौते के मुताबिक देशों को नदी के उपयोग की सूचना और सहयोग में मशीनरी के उपयोग के आंकड़े एक दूसरे के देशों को मुहैया करवाने होंगे। इस समझौते के कारण दोनों देशों के बीच मतभेद और असहमति बनी हुई है।
एक पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने विश्व बैंक के साथ हुए समझौते पर चिंता जाहिर की है। सुषमा स्वराज और शाह मेहमूद कुरैशी की वार्ता निरस्त होने से दोनों देशों के बीच शब्दों के तीर चलने लगे है। पाकिस्तान कूटनीतिक तरीके से क्षेत्रीय शांति में खलल का जिम्मेदार भारत को बता रहा है।