आज़ाद जम्मू कश्मीर के राष्ट्रपति सफदर मसूद खान ने कहा कि भारत का कश्मीर मसले पर हठ कर कारण परमाणु जंग छिड़ सकती है जो दक्षिण एशिया के लिए खतरा है। मसूद खान ने कहा कि कश्मीर मसले के कारण तीन जंग छिड़ चुकी है, भारत कश्मीर में अत्याचार कर रहा है। लाइन ऑफ कंट्रोल के नागरिक दो परमाणु सम्पन्न देशों के मध्य जीवनयापन कर रहे है जिससे एक और युद्ध की संभावना है।
मसूद खान ने कहा कि कश्मीर मसले पर कोई सैन्य समाधान नहीं है और पाकिस्तान के साथ इस मसले को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण वार्ता करनी चाहिए। पाकिस्तान के 48 वें नेवी स्टाफ कोर्स की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर मसले पर पाकिस्तान ने सदैव शांति वार्ता का पक्ष लिया है लेकिन भारत इस मामले को हल करने के लिए सैन्य सहायता ले रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत अपनी अंतरराष्ट्रीय साख के लिए कश्मीरी जनता की आवाज़ दबा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मसले को सुलझाने के लिए अब यूएन के सचिव को कदम उठाना चाहिए थे और कश्मीर मसले के हल के लिए विशेष प्रतिनिधि को नियुक्त करने चाहिए। ताकि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रही।
उन्होंने कहा कि दो पमानु सम्पन्न देशों के मध्य युद्ध होने से पूर्व यूएन और वैश्विक नेताओं को कश्मीर मामले का हल ढूंढना होगा।
मसूद खान ने भारत के आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट और पब्लिक सेफ्टी एक्ट को भयावह बताया था। उन्होंने कहा कि यह एक्ट भारतीय सेना को आज़ादी देते हैं। कश्मीर में भारतीय सैनिक कही भी किसी को भी मार सकते हैं और वह इसके लिए जवाबदेही भी नहीं होते है। कश्मीर में भारत दमनकारी नीति अपना रहा है।