भारत और पाकिस्तान के मध्य बढती कड़वाहट के इतर नई दिल्ली श्रद्धालुओं के दर्शन करने पर कोई रोक नहीं लगा रही है। श्रद्धालु पर्यटन भारत के प्रमुख एजेंडों में से एक है।
भारत सरकार ने पंजाब के लिए 170 पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों को वीजा दिया है। पाकिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर करने के लिए साल 2015 में सरकार ने धार्मिक यात्राओं के प्रचार को बढ़ावा दिया था।
पाकिस्तान के श्रद्धालु तीन दिन के लिए पंजाब के सिर्हिंद में रोजा शरीफ उर्स के लिए आयेंगे। यह प्रतिवर्ष सूफी शेख फारूकी के मस्जिद में आयोजित होता है। सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी समकक्षी महमूद कुरैशी के बैठक रद्द हो जाने के बावजूद भारत ने पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया था।
सिख श्रद्धुलुओं के लिए करतारपुर बॉर्डर खोलने के बाबत बातचीत के लिए भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र की बैठक के इतर मुलाकर करने वाले थे। भारत के पंजाब सूबे के श्रद्दालु पाकिस्तान के दरबार साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए करतारपुर बॉर्डर को खुलवाना चाहते हैं।
इमरान खान की सरकार ने कहा था कि वह करतारपुर बॉर्डर खोलने के लिए बातचीत कर रहे हैं वही भारतीय विभाग के मुताबिक इस्लामाबाद कोई अधिकारिक सूचना नहीं भेजी थी। पाकिस्तान करतारपुर सीमा को खोलकर भारत को राहत प्रदान कर सकता है लेकिन ऐसे हालातों में जब दोनों राष्ट्रों के मध्य कोई समझौता नहीं है,पाकिस्तान ऐसा नहीं करेगा।
फिलहाल भारत भुवनेश्वर में 28 नवम्बर से शुरू होने वाले हॉकी विश्व कप में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा मुहैया करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खिलाडियों को वीजा इस खेल की लोकप्रियता को देखते हुए ही दिया जायेगा। पाकिस्तान की टीम आखिरी बार भारत में साल 2014 में खेली थी।
पाकिस्तान भारत पर खिलाडियों को वीजा न देने के आरोप लगता रहा है। इन्हीं मसलों के कारण साल 2016 में पाकिस्तान की जूनियर हॉकी टीम प्रतिस्पर्धा में हिस्सा नहीं ले पायी थी। इसके बाद अन्तराष्ट्रीय हॉकी विभाग ने पाकिस्तान की टीम को आधिकारिक समय सीमा से पूर्व वीजा के लिए आवेदन करने की हिदायत दी थी।