पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में लगातार तीन अर्धशतक बनाकर शानदार वापसी की थी। उस तीन मैचो की सीरीज में धोनी नें 193 रन बनाए, जिसमें आखिरी के दो मैचो में वह नाबाद रहे थे। अपनी शानदार बल्लेबाजी से धोनी ने विश्वकप के टीम के लिए अपने स्लॉट को बरकरार रखा है और अपने ऊपर उठते हुए सभी सवालो का जवाब भी दे दिया है। अपनी इस शानदार फॉर्म के साथ, धोनी को विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम इंडिया में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच वनडे मैचो की सीरीज खेलनी है। सीरीज से पहले, न्यूज़ीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने धोनी के सामने चुनौती रखी क्या वह इस पारी हावी हो सकते है?
धोनी की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच विजेता पारियो को पीछे छोड़ते हुए माइक हेसन ने क्रिकेट नेक्सट से कहा, ” रन बस अनुभव दर्शाता है। दुनिया के अधिकांश खिलाड़ी धोनी की स्थिति को देखते हुए घबरा जाते है लेकिन वह फिर भी किसी और की तुलना में शांत दिखते है। इससे पता चलता है कि वह इस स्थिति में कई बार आए है और वह जानते है चेज तक कैसे पहुचना है।”
रांची में जन्में विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी ने ऑस्ट्रलिया के खिलाफ पहले वनडे मैच में 97 गेंदो में 51 रन की पारी खेली थी। धोनी की इस धीमी पारी की बदौलत टीम को पहले मैच में 34 रन से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उसके अगले मैच में धोनी ने खुद को बेहतर किया और उन्होनें 54 गेंदो में 55 रन की नाबाद पारी खेली औऱ टीम को दूसरा मैच जितवाया और उसके बाद तीसरे और निर्णायक वनडे मैच में भी धोनी ने एक समझदार पारी खेली थी जिसमें उन्होने 114 गेंदो में नाबाद 87 रन बनाए थे और टीम को सीरीज में 2-1 से जीत दर्ज करवायी थी।
इस दौरान धोनी एक फिनिशर के रूप में वापस आ गए है, लेकिन उन्हे मैच खत्म करने के लिए एक टीम मेट के समर्थन की जरूरत पड़ी। उनकी आखिरी की दो पारियो ने उनके औसत को बढ़ाया है। हेसन को लगता है 37 वर्षिय के लिए चुनौती जब आएंगी जब भारत पहले बल्लेबाजी करेगा, वह एक प्रतिभाशाली है।
हेसन ने कहा, ” धोनी के लिए चुनौती यह है कि जब टीम पहले बल्लेबाजी कर रही होगी तो उनको कितनी मेहनत करनी है। कुल चेज करने के मामले में, जो अभी भी क्रिकेट की एक सबसे कठिन चीज है, वह प्रतिभाशाली है।”