पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण राजनयिक कदम उठाते हुए भारत ने पाकिस्तानी के वाणिज्यिक मंत्री परवेज मलिक को दिल्ली में होने वाली डब्ल्यूटीओ वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। परवेज मलिक ने भी अपने उपस्थित होने की पुष्टि कर दी है। नई दिल्ली में 19 -20 मार्च को होने वाली अनौपचारिक विश्व व्यापार संगठन की मंत्रीस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए भारत ने पाकिस्तानी मंत्री को भी आमंत्रित किया है।
मलिक के निमंत्रण देने के पीछे मुख्य वजह दिसंबर में दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजित दोवाल और नासिर जांजुआ के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया है। पाकिस्तान का हाल ही में एफएटीफ ने आतंकवादी वितपोषण निगरानी ग्रे सूची में डालने का भी निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि पिछली बार पाकिस्तान में होने वाली सार्क शिखर सम्मेलन में भाग लेने के निर्णय के रूप में भारत समेत कई अन्य दक्षिण एशियाई देशों ने वहां पर जाने से इंकार कर दिया था। ये निर्णय पठानकोट हमले के बाद भारत ने लिया था।
भारत और पाकिस्तान के राजनयिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि दोनों पक्षों ने अपने सभी कैदियों को उनके संबंधित जेलों में बदलने का फैसला किया है।
जेलो में बंद महिलाओं व बच्चों सहित मानसिक रूप से कमजोर कैदियों को रिहा भी किया जाएगा। भारतीय और पाकिस्तानी जेलों में दयनीय परिस्थितियों में करीब 50 बेहद कमजोर कैदी सजा काट रहे है।
पाकिस्तानी मंत्री परवेज मलिक की मेजबानी भारत के वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु करेंगे। लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्या वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकत करेंगे। नई दिल्ली में पाकिस्तानी मंत्री की अगुवाई भारत सरकार की विदेश नीति का हिस्सा मानी जा रही है।
सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान में सार्क शिखर सम्मेलन में इस साल के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भागीदारी मुंबई हमलों में आतंकवादियों पर पाकिस्तान की कार्रवाई पर निर्भर करेगी।