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    नरेंद्र मोदी और सोनिया गाँधी

    आज देश ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस ऐतिहासिक मौके पर आज संसद में भी ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने देश को आजाद कराने वाले रणबांकुरों को याद किया। उन्होंने कहा कि देश उनके बलिदान के लिए सदैव उनका ऋणी रहेगा और देशवासियों को उनके संघर्ष से प्रेरणा लेने की जरुरत है। इस अवसर पर भी नरेंद्र मोदी और सोनिया गाँधी में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता देखने को मिली। एक-दूसरे की विचारधाराओं पर दोनों ही नेताओं ने जमकर निशाना साधा और व्यंगपूर्ण बातें कही। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहले मौका था जब नरेंद्र मोदी और सोनिया गाँधी संसद में इस तरह एक-दूसरे के आमने-सामने हो और दोनों ने ही यह मौका भुनाने में किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच प्रतीकों, नारों और एजेंडों को लेकर जुबानी जंग देखने को मिली। जहाँ सोनिया गाँधी ने नाम लिए बगैर आरएसएस पर निशाना साधा वहीं नरेंद्र मोदी ने महापुरुषों का नाम लेते समय पण्डित नेहरू को याद नहीं किया।

    एजेंडों पर टकराव

    दोनों नेताओं के बीच आज एजेंडों की लड़ाई देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महापुरुषों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए यह जरुरी है कि महापुरुषों का बलिदान नई पीढ़ी तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि जीएसटी मौजूदा सरकार की बड़ी उपलब्धि रही है। उन्होंने विपक्ष को घेरने के लिए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। वहीं सोनिया गाँधी ने अपने सम्बोधन में बोलने की आजादी का मुद्दा उठाकर फिर से असहिष्णुता के मामले पर सरकार को घेरने की कोशिश की।

    महापुरुषों पर भिड़ंत

    दोनों नेताओं में देश की आजादी में महापुरुषों के योगदान पर भी घमासान देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महात्मा गाँधी की ‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके बाद उन्होंने भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, राजगुरु और सुखदेव के योगदान का भी जिक्र किया लेकिन पण्डित नेहरू का नाम नहीं लिया। वहीं सोनिया गाँधी ने अपने सम्बोधन में बार-बार आजादी के योगदान में कांग्रेस पार्टी और नेहरू का जिक्र किया। उन्होंने संघ का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग और संगठन तो ऐसे भी थे जिन्होंने ‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन का विरोध तक किया था।

    नारों से रखी बात

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश हमारे लिए दल से बड़ा है। राजनीति से बड़ी राष्ट्रनीति है। पिछली सरकारों के घोटालों और भ्रष्टाचार ने देश को दीमक की तरह अंदर से खोखला कर दिया है। मौजूदा सरकार के सामने कुपोषण, शिक्षा और गरीबी की चुनौती है और पूरे देश को इससे मिलकर निपटना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बापू ने नारा दिया था – करेंगे या मरेंगे। आइये हम सब मिल कर यह तय करें – भ्रष्टाचार दूर करेंगे, दूर करके रहेंगे। गरीबी दूर करेंगे, दूर करके रहेंगे। नौजवानों को रोजगार से जोड़ेंगे। देश को कुपोषण से मुक्त करेंगे, करके रहेंगे। महिलाओं को आगे बढ़ने वाली बेड़ियों से मुक्त करेंगे और करके रहेंगे। सोनिया गाँधी ने कहा कि हमें अपनी आजादी को सुरक्षित रखना है और इसके लिए हम हर दमनकारी शक्ति के खिलाफ लड़ेंगे। फिर चाहे वह कितनी भी सक्षम क्यों ना हो। उन्होंने कहा कि हम उस भारत में विश्वास करते है जिसमें हर कोई आजाद हो और जिसकी आजादी निर्विवाद हो।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।