भारत और नेपाल हमेशा एक दूसरे के मित्र रहे है। तथा संकट के समय एक दूसरे की सहायता के लिए तत्पर रहे है। शायद यही कारण है कि नेपाल को भारत का सबसे अच्छा पडोसी देश माना जाता है। अपने सबसे अच्छे पडोसी का भारत ने भी हमेशा विशेष ख्याल रखा है।
ऐसे ही एक मामले में आज भारत की सहायता से नेपाल ने पूल का उद्घाटन कर लिया है। जी हां कालीगंडकी नदी पर भारत की 2.7 करोड़ के रूपये के लागत से बनी पूल का आज नेपाल ने उद्घाटन कर दिया है। आपको बता दे कि नेपाल भारत का मित्र राष्ट्र है इसलिए भारत ने ही इस पूल के लिए नेपाल को 2.7 करोड़ रुपये कि कुल वित्त सहायता दिया था।
इस पूल के बारे में बताया जा रहा है कि जहां एक तरफ जॉमसोम इलाके में निर्मित पुल से मुस्तांग के लोगों को वाहन से सीधे आने-जाने की कनेक्टिविटी मिलेगी, वहीं मुक्तिनाथ मंदिर का दर्शन करने वाले हजारो पर्यटक और तीर्थयात्री भी इससे लाभान्वित होंगे। चीनी सीमा के समीप बने इस पूल को ‘नेपाल-भारत’ के भाईचारे के प्रतिक के रूप में देखा जा रहा है।
इस पूल का उद्घाटन नेपाल में भारत के राजदूत मनजीव सिंह पुरी ने किया। इस पुल के बनने से पहले कालीगंडकी नदी पर बने पुराने सस्पेंशन ब्रिज का मोटरसवार लोग इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। आपको बता दें कि आईएनईसी ने 76 अरब से अधिक नेपाली रुपयों का व्यय किया है।
जिसके अंतर्गत नेपाल सरकार के सहयता से पूरे देश में 554 से अधिक बड़े और छोटे विकास परियोजनाओं को पूरा किया जा चूका है या वर्तमान में किया जा रहा है।
इन परियोजनओं में शिक्षा, स्वास्थ्य तथा बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्र शामिल है। इस पूल के बनने से जहां आम नागरिको को आराम मिलेगा वही व्यापर के नए रास्ते भी खुलेंगे।