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    चीनी

    नई दिल्ली, 3 मई (आईएएनएस)| निजी चीनी मिलों का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन(इस्मा) ने शुक्रवार को कहा कि भारत में इस साल चीनी का उत्पादन 330 लाख टन होने का अनुमान है, जोकि पिछले साल से पांच लाख टन ज्यादा है।

    इस्मा के अनुसार, 2018-19 में चीनी की कुल आपूर्ति 437 लाख टन रह सकती है, जिसमें 330 लाख टन उत्पादन के अलावा 107 लाख टन पिछले साल का बकाया स्टॉक है।

    उद्योग संगठन द्वारा शुक्रवार को जारी उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, देशभर की चीनी मिलों में चालू गन्ना पेराई सीजन 2018-19 के सात महीनों में 321.19 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। चीनी का उत्पादन व विपणन सीजन एक अक्टूबर से आरंभ होकर 30 सितंबर तक चलता है। पिछले सीजन में 30 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन 311.83 लाख टन हुआ था। इस प्रकार पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस साल अब तक चीनी के उत्पादन में 9.36 लाख टन यानी तीन फीसदी का इजाफा हो चुका है।

    चीनी उद्योग संगठन के अनुसार, देश में इस साल चीनी की कुल खपत 260 लाख टन रहेगी, जबकि कुल निर्यात 30 लाख टन होने का अनुमान है। इस प्रकार कुल खपत मांग 290 लाख टन घटाने के बाद चीनी सीजन 2018-19 के आखिर में 30 सितंबर को अगले सीजन के लिए बकाया स्टॉक करीब 147 लाख टन रह सकता है।

    देश में चीनी का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले इस साल तीन फीसदी बढ़ गया है, जबकि 100 चीनी मिलों में उत्पादन अब तक जारी है।

    इस्मा की रिपोर्ट के मुताबकि पिछले साल 30 अप्रैल तक जहां 110 चीनी मिलें चालू थीं वहां इस साल सिर्फ 100 मिलें चालू हैं। हालांकि चीनी मिल संगठन का अनुमान है कि इस साल चीनी का उत्पादन 330 लाख टन रह सकता है जो पिछले साल से पांच लाख टन ज्यादा है।

    उत्तर प्रदेश में इस साल सबसे ज्यादा 112.65 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। वहीं महाराष्ट्र में 107 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

    कर्नाटक में इस साल 30 अप्रैल तक 43.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इसके अलावा, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में क्रमश: 11.19 लाख टन, 8.05 लाख टन, 7.60 लाख टन और 5.30 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। वहीं, बिहार, पंजाब और हरियाणा में 30 अप्रैल तक 8.35 लाख टन, 7.70 लाख टन और 6.75 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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