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    दीपक मिश्रा कांग्रेस

    जस्टिस दीपक मिश्रा ने आज भारत के 45वें मुख्य न्यायाधीश के पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस मिश्रा को दरबार हॉल में शपथ ग्रहण करवाई। जस्टिस दीपक मिश्रा 13 महीनों के लिए पद पर रहेंगे। भारत के 44वें चीफ जस्टिस जे.एस. खेहर का कार्यकाल 27 अगस्त को ख़त्म हो गया था। जस्टिस दीपक मिश्रा के चाचा जस्टिस रंगनाथ मिश्रा भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके है।

    जस्टिस दीपक मिश्रा का जन्म 3 अक्टूबर 1953 को हुआ। उन्होंने अपने करियर की शुरआत 14 फरवरी 1977 को उड़ीसा के हाईकोर्ट में प्रैक्टिस से शुरू की थी। उड़ीसा हाईकोर्ट में उन्हें 1996 को अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर चुना गया। नवम्बर 2009 को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुना गया। अक्टूबर 2011 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था।

    जस्टिस दीपक शर्मा ने अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले दिए है। 3 मई 2016 को आपराधिक मानहानि नहीं बदलने पर अपना फैसला सुनाया था। जिसमे जस्टिस मिश्रा ने कहा था विचार अभिव्यक्ति का अधिकार असीमित नहीं है।

    30 नवम्बर 2016 को जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने हर फिल्म से पहले राष्ट्रगान चलाने का फैसला दिया था। जिसमे कहा था कि हॉल में उपस्थित सभी को राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होना जरुरी है।

    1993 मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को जस्टिस मिश्रा की अगुवाई की बेंच ने ही सजा सुनाई थी। आजाद भारत में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में रात को सुनवाई की गयी थी। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने याकूब मेनन को फांसी सुनाई गयी थी।

    जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में बनी बेंच आयोध्या राम मंदिर विवाद पर सुनवाई कर रही है। और मामले जैसे बीसीसीआई रिफार्म और सहारा की सुनवाई इन्ही की बेंच कर रही है।