सरकार के नए फैसले के मुताबिक बिजली से चलने वाली गाड़ियों जैसे इलेक्ट्रिक कार, बसें, ऑटोरिक्शा आदि के नम्बर प्लेट अब से हरे रंग के होंगें।
निजी गाड़ियों में हरे प्लेट पर सफेद संख्याएँ लिखी होंगी वहीं कॉमर्शियल गाड़ियों में हरे प्लेट पर पीले रंग की लिखावट होगी।
यह हरा नम्बर प्लेट बिजली से चलने वाली गाड़ियों को पारम्परिक डीजल-पेट्रोल से चलने वाली इंटरनल कम्बशन गाड़ियों से अलग करेंगी।
केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक समारोह में इस बात की जानकारी दी।
सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश कर रही है। नितिन गडकरी ने ऐसे कई फैसलों की जानकारी दी जिनसे एलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में तेजी आएगी।
- हरे नम्बर प्लेट वाली गाड़ियों यानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को पार्किंग स्थानों पर महत्ता दी जायेगी। साथ ही उन्हें भीड़-भाद वाले इलाकों में भी जाने की छूट होगी।
- बिजली से चलने वाली व्यावसायिक गाड़ियों को परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। इस से इलेक्ट्रिक रिक्शा, बसें, टेम्पो आदि का क्रेज बढ़ेगा, खासकर शहरी इलाकों में। क्योंकि पारम्परिक व्यावसायिक गाड़ियों के लिए कई तरह के परमिट लेने की आवश्यकता होती है।
- दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन 16 से 1 8 वर्ष तक के युवा भी चला सकेंगे। वर्तमान में यह छूट केवल 50 cc से नीचे के दोपहिया वाहनों के लिए ही है।
नितिन गडकरी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि सरकार टैक्सी कम्पनियों के लिए भी नियम बनाएगी जिसके तहत उन्हें अपनी कुल टैक्सियों के 1 प्रतिशत को हर वर्ष इलेक्ट्रिक टैक्सियों में बदलना होगा। यही नियम निजी व सरकारी बस सेवा देने वाली कम्पनियों पर लागू किया जायेगा।
शहरी इलाकों में परमिट के जाल से मुक्त होने के बाद अवश्य ही लोगों का रुझान इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ बढ़ेगा। सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को टोल टैक्स में भी कुछ छूट देने का विचार कर रही है।
सराहनीय कदम
हमारे देश के करीब सभी बड़े शहर परदूधन के चपेट में हैं। ऐसे में हाईब्रीड व इलेक्ट्रिक गाड़ियां वक्त की नाजुक जरूरतों में से एक हैं। पार्मप्रिल गाड़ियों को एक झटके में सड़क से हटा देना सम्भव नहीं है इसलिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को धीरे धीरे ही सही, बढ़ावा देना एक सराहनीय कदम है।
भारतीय सड़कों से धुआं छोड़ने वाले बदसूरत ऑटोरिक्शों की जगह जब शांत इलेक्ट्रिक रिक्शा लेंगे तब काफी हद तक हमारे शहरों का परिदृश्य खुद बदल जाएगा।
वर्तमान में भारत में करीब 1.5 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं। जैसे- जैसे इनकी संख्या बढ़ेगी वैसे भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए मूलभूत संरचना का निर्माण होगा। जैसे पेट्रोल पम्पों की जगह चार्जिंग प्वाइंट्स लेंगे।
वर्तमान में केवल टाटा व बजाज ही भारतीय इलेक्ट्रिक विहिक्ल बाजार में मौजूद हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के साथ विदेशी कम्पनियां भी मैदान में आएंगी जिससे गाड़ियों की कीमत और गिरेगी। टेस्ला जैसी कम्पनियों के भारत में आने की उम्मीद भारतीय कार प्रेमियों के लिए बहुत बड़ी बात है।
जो भी हो, सरकार का यह फैसला भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र के भविष्य में परिवर्तन की नींव रखता है।