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    अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोषA participant stands near a logo of IMF at the International Monetary Fund - World Bank Annual Meeting 2018 in Nusa Dua, Bali, Indonesia, October 12, 2018. REUTERS/Johannes P. Christo

    अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने गुरूवार को कहा कि “भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से ज्यादा कमजोर है इसका कारण नॉन बैंक फाइनेंसियल कंपनियों में पर्यावरणीय नियामक अनिश्चितता और सुस्ती है। आईएमएफ के प्रवक्ता गेर्री राइस ने कहा कि “दोबारा, हमने नए आंकड़ो को जुटा लिया है लेकिन भारत की आर्थिक वृद्धि हमारी उम्मीद से कई ज्यादा कमजोर है। इसकी वजह इसका कारण नॉन बैंक फाइनेंसियल कंपनियों में पर्यावरणीय नियामक अनिश्चितता और सुस्ती है।”

    सुस्त हुई भारतीय अर्थव्यवस्था

    आर्थिक वृद्धि बीते सात वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है, यह अप्रैल से जून की तिमाही में पांच फीसदी रही थी जो बीते वर्ष आठ फीसदी थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में सात फीसदी से आर्थिक वृद्धि में 0.3 फीसदी की कमी की है।

    आंकड़ो के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021 में आर्थिक वृद्धि के 7.2 फीसदी होने की उम्मीद है जबकि इससे पहले की रिपोर्ट में आईएमएफ ने भारत की आर्थिक वृद्धि को 7.5 फीसदी होने का अनुमान लगाया था। मेन्यूफचुरिंग सेक्टर और कृषि आउटपुट में काफी कमी के कारण अर्थव्यवस्था की रफ़्तार सुस्त पड़ी है।

    इस्सके पूर्व आर्थिक वृद्धि जून 2012-13 में 4.9 प्रतिशत से सबसे निचले स्तर पर थी। वैश्विक व्यापार तनाव और कारोबारी नुकसान के कारण ग्राहकों की मांग और निजी निवेश में काफी कमी हुई है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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