पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज देने के किये भारत सहित कई वैश्विक देशों ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को सावधान किया है क्योंकि अभी पाकिस्तान आतंकी संरचनाओं के खिलाफ पूर्ण कार्रवाई न कर पाने के लिए फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स की ग्रे सूची में शुमार है।
एफएटीएफ की ग्रे सूची में पाक
वांशिगटन में हालिया बैठक के दौरान भारतीय अधिकारीयों ने चेताया कि यह वैश्विक संस्थान के लिए शर्मनाक बात हो सकती है क्योंकि अभी भी पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे फेरहिश्त में शुमार है और इसके बाद काली सूची में शामिल होने के भी आसार बहुत ज्यादा है और यह अन्य राष्ट्रों के साथ वित्तीय ट्रांसेक्शन पर रोक लगा देगा।
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने संकेत दिए कि आईएमएफ की सहायता जोखिम हो सकती है क्योंकि अगले महीने एफएटीएफ पाकिस्तान की समीक्षा करेगा। भारतीय अधिकारीयों ने विश्व बैंक और आईएमएफ की सालाना बैठक में शिरकत की थी और इसमें एफएटीएफ के अधिकारी भी मौजूद थे।
एफएटीएफ एक वैश्विक संस्था है जो धनशोधन और आतंकियों के वित्तपोषण पर निगरानी रखती है और हालिया बैठक में इसका विस्तार किया गया है और अब यह जनहानि के हथियारों के प्रसार पर भी नज़र रखेगी।
आईएमएफ न दें कर्ज
आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई करने में असफलता और होनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर खरा न उतर पाने के कारण पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे सूची में बरक़रार रखने का निर्णय लिया था। इसकी समीक्षा अन्य देशों के प्रतिनिधि 25 मापदंडो के आधार पर करते हैं। पाकिस्तान ने एफएटीएफ की कार्रवाई की आलोचना की थी और कहा कि वह भारत के पक्ष की तरफ झुका हुआ है।
इसी दौरान भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आईएमएफ से 8-12 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की मांग भी कर रहा है। पाकिस्तान कई आतंकी समूहों का पनाहगार बना हुआ है और मुल्क को नकदी के संकट से बचाने के लिए कर्ज की जरुरत है।
बीते सप्ताह पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हाल ही उन्होंने बयान दिया था कि आईएमएफ के साथ पाकिस्तान कर्ज के लिए अंतिम दौर में पंहुच चुका है। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएमएफ ने सीपीईसी पर चिंता व्यक्त की है।