अमेरिका सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अमेरिका भारतीय सेना को आधुनिक शक्ति बनने में मदद कर सकता है। उनके मुताबिक वे मिलकर भारतीय सेनाओं की छमताओं को सार्थक तरीके से बेहतर बना सकते हैं। अमेरिका में प्रशांत कमान के मुख्य अधिकारी एडमिरल हरिस ने कहा कि, ‘‘मेरा मानना है कि अमेरिका भारत की सेना के आधुनिकीकरण के लिए उसकी मदद को तैयार है. भारत को अमेरिका का प्रमुख रक्षा साझेदार कहा गया है. यह सामरिक घोषणा है जो भारत और अमेरिका के लिए अनोखी है. यह भारत को उसी स्तर पर रखता है जिस पर हमारे कई साझेदार हैं।’
जाहिर है पिछले कुछ समय में भारत और अमेरिका के बीच काफी महत्वपूर्ण समबन्ध साझा हुए हैं। पिछले एक दशक में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार करीबन 15 अरब डॉलर पहुँच गया है। यह संख्या आने वाले समय में और आगे जा सकती है। भारत अपनी सेना के लिए लड़ाकू विमानों, आधुनिकतम मानवरहित वायु यानों और विमान वाहक पोतों समेत बहुत से आधुनिक सैन्य संसाधनों के लिए अमेरिका पर निर्भर रहता है। ऐसे में भारत अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षा साथी बन गया है।
एडमिरल हरिस ने अपने बयान में आगे कहा कि, ‘यह महत्वपूर्ण है और मेरा मानना है कि हम मिलकर महत्वपूर्ण और सार्थक तरीकों से भारत की सैन्य क्षमताओं को बेहतर बना सकेंगे।’ एडमिरल हरिस भारत और अपने देश के बीच बढ़ रहे रक्षा सहयोग से काफी खुश हैं। भारत के साथ अपने रिश्ते को बयान करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम कई वर्षों से मालाबार अभ्यास श्रृंखला, समुद्री अभ्यास में भारत के साथ साझेदार रहे हैं. मैंने 1995 में बिल्कुल शुरूआत मालाबार अभ्यास में भाग लिया था।’
पिछले महीने हुए मालाबार अभ्यास में भारत, अमेरिका और जापान ने हिस्सा लिया था। एडमिरल हरिस ने जापान के हिस्सा लेने पर भी अपनी ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा कि जापान और अमेरिका भारत के साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत और जापान तथा अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय संबंध महत्वपूर्ण हैं।’