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    भारत के पठार वाले हिस्से में कावेरी नदी, कृष्णा, गोदावरी आदि के अलावा भी कई नदियां बहती हैं जिनका आकार कम है लेकिन भारत के अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। पेन्नार, सुवर्णरेखा, ब्राह्मणी, पोनैयर, वईगई ऐसी ही नदियां हैं।

    पेन्नार नदी

    पेन्नार नदी जिसको उत्तर पिनकिनी नदी के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिणी पठार के प्रमुख नदियों में से एक है। यह कर्नाटक के चिक्कबलपूरा जिले के नंदीदुर्ग श्रृंखला से शुरू होता है। बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलने तक इस नदी की लम्बाई 597 किमी है। यह आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्य से होते हुए बहता है और इसका क्षेत्रफल 55 हजार स्क्वायर किमी है। इसके उत्तर में इरामाला श्रृंखला, पूर्व में पूर्वी घाट के नल्लमला और वेदिकोड़ श्रंखला, दक्षिण में नंदीदुर्ग पहाड़ पश्चिम में एक संकरा पहाड़ है जो इसको कृष्णा नदी के वेदवती बेसिन से अलग करती है। इस नदी पर सोमसीला परियोजना का निर्माण हुआ है। नदी के दक्षिण में शेषचलम और पालीकोंडा श्रृंखला मौजूद हैं।

    सहायक नदियां:- इसके बायीं ओर जयमंगली और कुंदरू सहायक नदी हैं और दायीं ओर पापाग्नि और चिरावती नदी हैं कृष्णा बेसिन का तुंगभद्रा नहर पेन्नार नदी से होते हुए भी गुजरता है।

    नेल्लोर शहर पेन्नार नदी पर बसा हुआ एक प्रमुख शहर है। नदी में कम मात्रा में पानी मौजूद है एवं खनिज के स्रोत भी नाम-मात्र हैं जिससे यहां उद्योग का ज्यादा विस्तार नहीं हो पाया है। यहां छोटे छोटे उद्योग हैं जो कृषि आधारित हैं जैसे की कपास बुनाई के कारखाने, चीनी, तेल, चावल आदि के मिल। इस नदी का लगभग 59% हिस्सा कृषि आधारित है।

    सुवर्णरेखा नदी

    यह झारखण्ड में रांची के पठार से शुरू होता है। अपने निचले स्तर में यह पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सीमा बनाते हुए बहती है। गंगा और महानदी के डेल्टा के बीच मुहाना (estuary) का निर्माण करते हुए यह बंगाल की खाड़ी में जा मिलता है।

    ब्राह्मणी नदी:- ओडिशा में राउरकेला के नजदीक कोयल और संख नदियों के संगम से ब्राह्मणी नदी का निर्माण होता है। इसकी कुल लम्बाई 800 किमी है। इसके उत्तर में छोटानागपूर पठार, पश्चिम और दक्षिण में महानदी बेसिन और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। छत्तीसगढ़, झारखण्ड और ओडिशा से होते हुए यह बंगाल की खाड़ी में जा मिलता है।

    पोनैयार नदी:- यह एक छोटी नदी है जो पूर्वी तटीय इलाकों में बहती है। यह तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के छोटे भागों से होते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। इस नदी के उत्तर पश्चिम और दक्षिण में पूर्व घाटियों के श्रृंखलाएं हैं जैसे कि वेलीकोण्डा श्रंखला, नगाड़ी पहाड़, जवाडु पहाड़, शेवराई और चित्तरइ पहाड़। नदी के पूर्व में कालरायण पहाड़ और बंगाल की खाड़ी मौजूद हैं।

    वईगई नदी:- कावेरी डेल्टा के दक्षिण में कई छोटी छोटी नदियां मौजूद हैं जिनमे वईगई नदी की लम्बाई सबसे ज्यादा है। कावेरी और कन्याकुमारी के 12 बेसिनों में से वईगई बेसिन सबसे महत्वपूर्ण है। यह पूरी तरह से तमिलनाडु में बहती है। इसका क्षेत्रफल लगभग 7741 स्क्वायर किमी है। पश्चिम में वईगई नदी अंदिपत्ति पहाड़, चेत्तेरी और कालरायण पहाड़ से घिरा हुआ है एवं पूर्व में Palk Bay और Palk Street मौजूद हैं।

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