भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में पिछली तीन तिमाहियों से टैरिफ दामों के स्थिर रहने के बाद अब अगली दो तिमाही के लिए टैरिफ प्लान बढ़ते हुए दिख सकते हैं, जिसके बाद काफी समय से भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में मची उथल पुथल भी शांत हो सकती है।
पिछले छः महीनों के लेखा-जोखा के अनुसार भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो ने ही अपने दामों को बराबर स्थिर रखा है, जिसकी वजह से अन्य कंपनियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।
जियो ने अपने ग्राहकों के लिए सितंबर 2016 से ही सस्ता डाटा और फ्री वॉइस कॉलिंग के लिए एक नयी असीमित सीमा का निर्धारण कर दिया था, जिसके बाद पहले से जमी हुई कंपनियों का व्यवसाय उथल पुथल हो गया था।
जियो के आ जाने के बाद सभी कंपनियों ने अपने टैरिफ को ऑफर में तब्दील कर दिया था। राजस्व के मामले में जियो के अलावा कोई भी ऐसी कंपनी नहीं सामने आई जिसने मुनाफा कमाया हो। इसी वजह से पिछले 2 सालों से टेलीकॉम सेक्टर लगातार दबाव में था।
लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि ये सभी कंपनियां अपने घाटे को कम करने पर ध्यान देंगी।
इसके पहले जियो ने बाज़ार में छोटे वर्ग को लेकर भी अपने टैरिफ के दामों को घाटा दिया था। जियो ने उनके लिए 1500 रुपये में फोन कि पेशकश करते हुए उन्हे 49 रुपये में 28 दिन के लिए 1 जीबी डाटा का प्लान दिया है।
सेल्यूलर ऑपरेटर एसोशिएशन ऑफ इंडिया कि डायरेक्टर राजन मैथ्यू ने कहा है कि टेलीकॉम बाज़ार में लगातार पिछले दो सालों से मंडी देखने के बाद अब टैरिफ बढ़ाने कि जरूरत है। एयरटेल के सीईओ संजय कपूर के अनुसार जियो ने बाज़ार में बड़ा व्यवधान पैदा किया है।