बिहार की राजधानी पटना में 27 अगस्त को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने “भाजपा हटाओ, देश बचाओ” रैली का आयोजन किया है। आरजेडी कार्यकर्ताओं ने व्यापक स्तर पर रैली की तैयारी शुरू कर दी है। जैसे-जैसे लालू प्रसाद यादव की “भाजपा हटाओ, देश बचाओ” रैली का समय नजदीक आता जा रहा है पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ता जा रहा है। आरजेडी कार्यकर्ता इस रैली को सफल बनाने में जी जान से जुट गए हैं और पूरे पटना शहर को पोस्टरों और बैनरों से पाट दिया गया है। हर पोस्टरों में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार अलग-अलग अंदाज में नजर आ रहा है।

हाल ही में लगे एक नए पोस्टर में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सुपुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी कृष्ण-अर्जुन के रूप में नजर आ रहे हैं और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती रानी लक्ष्मीबाई के अवतार में नजर आ रही हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी धर्मपत्नी राबड़ी देवी अपनी संतानों को विजयी भवः का आशीर्वाद देते नजर आ रहे हैं। इस पोस्टर में भाजपा को भगाकर बिहार और देश को बचाने की बात की गई है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की हौसलाफजाई करते हुए लिखा गया है, “तेजस्वी तुम पर आस है।” नीचे लिखा गया है, “तेजस्वी तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं।”
बाहुबली अवतार में नजर आ चुके हैं तेजस्वी
इससे पूर्व के लगे पोस्टरों में तेजस्वी यादव का बाहुबली अवतार देखने को मिला था। पोस्टरों में तेजस्वी यादव फिल्म बाहुबली के किरदार महेंद्र बाहुबली के रूप में नजर आये थे। साथ में उनके बड़े भाई तेज प्रताप भी नजर आये थे। पटना के गाँधी मैदान में होने वाली इस रैली में शामिल होने के लिए तकरीबन सवा लाख लोग पटना पहुँच चुके हैं। उनके ठहरने और खाने-पीने का इंतजाम क्षेत्रीय विधायक संभाल रहे हैं। जिन क्षेत्रों से आरजेडी के विधायक नहीं हैं वहाँ से अन्य वरिष्ठ नेता इस काम को संभाल रहे हैं। पटना में आरजेडी विधायकों और नेताओं के आवास पर हुजूम उमड़ पड़ा है और वहाँ जश्न का माहौल है।
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कार्यकर्ताओं के मनोरंजन का है पूरा ध्यान
आरजेडी ने अपने कार्यकर्ताओं के मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा है। पार्टी ने रैली के लिए विशेष तौर पर एक गाना रिकॉर्ड करवाया है। विधायकों के आवास पर संगीत और अन्य माध्यमों से मनोरंजन का इंतजाम किया गया है। कई विधायकों के यहां किन्नर नृत्य का भी इंतजाम हैं और कल रैली में भी इसके शामिल रहने की खबर है। रैली के लिए आरजेडी कार्यकर्ता डीजे और म्यूजिक सिस्टम के साथ नाचते-गाते हुए गाँधी मैदान पहुँचेंगे। रैली में उमड़ रही भीड़ के मद्देनजर राज्य सरकार ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।
बाढ़ की वजह से रैली टालने से लालू ने कर दिया था इंकार
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कल बिहार के 19 जिलों में आई भयंकर बाढ़ की वजह से अपनी प्रस्तावित रैली को टालने से इंकार कर दिया था। बाढ़ की वजह से रैली टाले जाने के सवाल पर लालू प्रसाद यादव ने अपने अंदाज में जवाब देते हुए कहा था कि हमारे रैली टाल देने से क्या बिहार में आई बाढ़ ख़त्म हो जायेगी और बाढ़ से प्रभावित लोगों की मुश्किलें खत्म हो जाएंगी? उन्होंने बिहार की सत्ताधारी नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वजह से बिहार डूब रहा है। जनादेश का अपमान कर महागठबंधन तोड़ भाजपा के साथ सरकार बनाकर उन्होंने जो पाप किया है उसक अंजाम आज पूरा बिहार भुगत रहा है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार बाढ़ से प्रभावित 1.5 करोड़ जनता को किसी भी तरह की मदद पहुँचाने में असफल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ित लोग पाताल में है और नीतीश कुमार आकाश में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है।
भाजपा नेताओं ने बोला था हमला
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा “भाजपा हटाओ, देश बचाओ” रैली ना टाले जाने के बयान बिहार भाजपा के नेताओं ने उनपर हमला बोला था। बिहार सरकार के पत्र निर्माण मंत्री और राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने कहा था कि बाढ़ पीड़ितों में लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को वोट देने लोग भी हैं। इस मुश्किल घड़ी में लालू प्रसाद यादव उनकी तकलीफें ना बाँटकर अपनी रैली को सफल बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं। जिस जनता के वोटों के दम पर आरजेडी के नेता जन प्रतिनिधि बन बैठे हैं आज वही नेता मुश्किल घड़ी में अपनी जनता का साथ नहीं दे रहे हैं और रैली को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी कहा था कि आरजेडी नेताओं को रैली टाल कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और हरसंभव तरीके से लोगों की मदद करने का प्रयास करना चाहिए।
रैली में नहीं आएंगे सोनिया-राहुल
भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता का नमूना पेश करने की लालू प्रसाद यादव की कोशिशों को तब झटका लगा जब महागठबंधन में उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने रैली में आने से इंकार कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने जहाँ स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी विदेश यात्रा पर नॉर्वे रवाना हो चुके हैं। ऐसे में अपने सबसे वरिष्ठ और निकटम सहयोगी की कमी कल लालू प्रसाद यादव को रैली मंच पर जरूर खलेगी।

मायावती भी कर चुकी हैं इंकार
बसपा सुप्रीमो मायावती भी लालू प्रसाद यादव की रैली में जाने से इंकार कर चुकी हैं। भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्ष को इससे बड़ा झटका लगा था। बसपा सुप्रीमो मायावती के रैली में शामिल होने से इंकार करने के बाद विपक्षी एकता और कमजोर होती नजर आ रही है। बसपा पहले उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ गठबंधन कर सत्ता में रह चुकी है और ऐसे में मुमकिन है वह फिर से परोक्ष रूप से भाजपा का साथ दे। यह भी मुमकिन है कि बसपा चुनाव अकेले दम पर लड़े और चुनाव परिणामों के बाद आगे की रणनीति तय करे, लेकिन उसके रैली में शामिल ना होने से विपक्ष को झटका लगा है। भले ही बसपा आज हाशिए पर जा चुकी हो पर मायावती आज भी देश में दलित राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा है। उनकी पार्टी का जनाधार घटा जरूर है पर वह पूर्णतया समाप्त नहीं हुआ।

ममता की उपस्थिति है वामपंथी दलों के ना आने की वजह
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस रैली में सभी गैर-एनडीए दलों को आमंत्रित किया था। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की रैली में आने की पुष्टि की थी। उनके स्थिति स्पष्ट करने के बाद वामपंथी दलों ने ममता बनर्जी के साथ मंच साझा करने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि भ्रष्टाचार के भारी आरोपों से घिरी ममता बनर्जी के साथ वे मंच सजह नहीं कर सकते। हालाँकि यह बात कुछ हजम नहीं होती। जिस लालू प्रसाद यादव ने रैली का आयोजन किया है उनके पूरे परिवार की भ्रष्टाचार में संलिप्तता है और इस बात का वामपंथी दल विरोध नहीं कर रहे हैं। वजह चाहे जो भी हो, वामपंथी दलों की अनुपस्थिति लालू को मंच पर और कमजोर करेगी।

शरद यादव हो सकते हैं शामिल
नीतीश कुमार से मतभेद के बाद शरद यादव अलग-थलग से पड़ गए हैं। हालाँकि जेडीयू में उनका भी खेमा बन चुका है पर अब तक वह इसे मूर्त रूप नहीं दे सके हैं। शरद यादव की अब भी बिहार की जनता में पकड़ है और उनकी तीन दिवसीय रैली में यह बात नजर आ चुकी है। दिल्ली में उनके द्वारा आयोजित ‘सांझी विरासत सम्मलेन’ को विपक्ष का पूरा समर्थन मिला था। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने हर कदम पर शरद यादव का समर्थन किया है और कहा है कि उनकी जेडीयू के साथ आरजेडी का गठबंधन चलता रहेगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा को रोकने के लिए किसी के भी साथ जाने को तैयार हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि शरद यादव लालू की रैली में शामिल होंगे। एक ही मंच से देश की राजनीति के यह तीनों यदुवंशी दिग्गज ‘जातीय महागठबंधन’ की भी घोषणा कर सकते हैं।
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