सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा के राज में पत्रकार सुरक्षित नहीं है। जो कोई भी भाजपा के खिलाफ लिखेगा उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। वह उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक आयोजित एक जनसभा को सम्बोधित करने करे बाद मीडिया से रूबरू हो रहे थे। बेंगलुरु के बहुचर्चित गौरी लंकेश हत्याकांड का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक में एक पत्रकार ने भाजपा के खिलाफ क्या लिखा उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। भाजपा राज में भाजपा के खिलाफ लिखने वाले बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। बता दें कि बीते 5 सितम्बर को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कुछ लोगों ने वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह लंकेश पत्रिका की सम्पादक थी।
हिंदुत्व विरोधी लेख लिखती थी गौरी लंकेश
गौरी लंकेश कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की काफी करीबी मानी जाती थी। पिछले कुछ समय से वह मुख्यतः हिंदुत्व विरोधी लेख लिख रही थी। गौरी लंकेश अपने लेखों के जरिए हिंदुत्व, भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और ब्राह्मणवाद की प्रखर आलोचना करती थी। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा का विरोध भी किया था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नवंबर, 2014 में गौरी लंकेश को नक्सलियों से बातचीत के लिए बनी राज्य की विशेष कमेटी का सदस्य मनोनीत किया था। भाजपा ने उनके इस निर्णय की आलोचना की थी और गौरी लंकेश को नक्सली विचारधारा का समर्थक बताकर उन्हें कमेटी से निकालने की मांग की थी। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भाजपा की इस मांग को ठुकरा दिया था।
कर्नाटक सरकार ने हत्यारों पर घोषित किया 10 लाख का इनाम, एसआईटी का गठन
शुक्रवार, 6 सितम्बर को कर्नाटक सरकार ने गौरी लंकेश के हत्यारों के बारे में सूचना देने वाले को 10 लाख रूपये का इनाम देने की घोषणा की थी। कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इसकी घोषणा की थी। पुलिस तक हत्यारों की सूचना पहुँचाने के लिए लोगों को एक ईमेल आईडी और नंबर दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मामले की जाँच तेज करने और जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए हैं। राज्य के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि एसआईटी के लिए पर्याप्त अधिकारी मुहैया कराए गए हैं। अगर अतिरिक्त अधिकारियों की आवश्यकता है तो हम इसके लिए भी तैयार हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले की जाँच प्रगति को लेकर एसआईटी अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में एसआईटी प्रमुख बी के सिंह, खुफिया महानिदेशक ए एम प्रसाद और पुलिस महानिदेशक आर के दत्ता भी मौजूद थे। उन्होंने जाँच की प्रगति रिपोर्ट ली और मामले की जाँच को और तेज करने को कहा। गौरी लंकेश हत्याकाण्ड की जाँच और आरोपियों की शीघ्र धर-पकड़ के लिए कर्नाटक राज्य सरकार ने बुधवार को 21 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। गौरी लंकेश के परिजनों द्वारा आरोपियों को पकड़े जाने में देरी होने की मंशा जताने पर राज्य के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने आश्वस्त किया कि सरकार ने एसआईटी का गठन आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए ही किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हत्याकांड में शामिल सभी आरोपी शीघ्र ही सलाखों के पीछे होंगे।