केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी के तेवरों में स्पष्ट रूप से बदलाव देखने को मिला है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री द्वारा सख्ती से रूल 75 लगाने के बाद अब भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों पर रूल 40 लगने वाला है। यह रूल भाजयुमो के पदाधिकारियों के पदासीन रहने की स्थिति में उम्र निर्धारण करेगा। इसके अनुसार भाजयुमो के पदाधिकारी बनने के लिए अब अधिकतम उम्र 40 वर्ष होगी। 40 वर्ष से अधिक का कोई भी कार्यकर्ता भाजयुमो का पदाधिकारी नहीं रह सकेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस सन्दर्भ में पहले से ही रूल 75 लागू है। इसके अनुसार, 75 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल का सदस्य नहीं रह सकता। इसके तत्कालीन उदाहरणों में डॉ. नज़मा हेपतुल्ला और कलराज मिश्र का नाम प्रमुख है जिन्होंने निर्धारित उम्र सीमा पूरी करने के पश्चात् अपने पद से इस्तीफ़ा सौंप दिया था। वर्तमान में दोनों बतौर राज्यपाल अपनी सेवाएं दे रहे हैं। भाजपा इस अघोषित और अलिखित कानून को सख्ती से अपने कैडरों पर लागू कर रही है और उसे इसमें अपेक्षित सहयोग भी मिल रहा है।
युवा मोर्चे में उम्र के बाबत पार्टी को परेशानी तब आई थी जब उसने बिहार में अपनी युवा इकाई का गठन किया। एक वरिष्ठ स्थानीय नेता ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं में उम्र के अलावा सारी योग्यताएं थी। तभी से पार्टी युवा मोर्चा में इस रूल के प्रति सख्त हुई है। भाजपा ने इसकी सूचना सारे पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से दे दी है। युवा मोर्चा के दफ्तरों में इस नए कानून की सूचना भाजपा के संगठन मामलों के महासचिव राम लाल ने भेजी है।