उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आखिरकार बहुप्रतीक्षित बजट पेश कर दिया है। यह इस सरकार का पहला बजट है और जनता को इससे बड़ी उम्मीदें थी। अब यह बजट जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है ये तो वक़्त ही बताएगा। इस बार के बजट में प्रदेश से नौजवानों का पलायन रोकने के लिए योगी ने भगवान की शरण ली है। दरअसल इस बार बजट का मूल आधार है पर्यटन का विकास और इसके लिए 3 सर्किटों का प्रस्ताव रखा गया है। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या, भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा और भगवान बुद्ध की भूमि वाराणसी को प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया है।
त्रिदेव मंत्र
“विकास के हजार रंग, राम कृष्ण और बुद्ध के संग” इसे केंद्रबिंदु मानकर योगी ने इन सर्किटों के विकास की रूपरेखा समझायी। उन्होंने बताया की अयोध्या में रामायण सर्किट, मथुरा में कृष्ण सर्किट और वाराणसी में बुद्ध सर्किट पर कुल 1240 करोड़ रूपये खर्च होंगे। ये सारे कार्य स्वदेश दर्शन योजना के तहत होंगे।
राज्य सरकार अपने खजाने से 800 करोड़ रूपये की अतिरिक्त धनराशि अयोध्या, मथुरा और वाराणसी के इंफ़्रा डेवेलपमेंट में खर्च करेगी। ये कार्य प्रसाद योजना के तहत होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 200 करोड़ रूपये की लागत से कल्चरल सेंटर स्थापित किया जायेगा।
मुख़्यमंत्री योगी ने गोरखपुर वासियों को तोहफा देते हुए रामगढ ताल को वर्ल्ड क्लास वाटर स्पोर्ट्स सुविधा से युक्त करने की घोषणा भी की। इसके लिए 25 करोड़ रूपये आवंटित किये गए हैं। विंध्याचल को टूरिस्ट स्पॉट बनाने के लिए 10 करोड़ रूपये और ग़ाज़ियाबाद में कैलाश-मानसरोवर भवन के निर्माण के लिए 25 करोड़ रूपये आवंटित किये गए हैं। वर्ष 2019 में इलाहाबाद होने वाले अर्धकुंभ मेले की तैयारियों के लिए 500 करोड़ के बजट की घोषणा हुयी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है और रोजगार की तलाश में यहां कि युवा पीढ़ी का पलायन दूसरे राज्यों में हो रहा है। जनता को उम्मीद थी कि इस बार के बजट में पलायन को रोकने के लिए व्यवसायीकरण पर जोर दिया जायेगा पर मुख्यमंत्री ने पर्यटन के विकास के खाका खींच कर रोजगार के अवसर पैदा करने कि कोशिश की है। अब उनकी यह कोशिश कितना रंग लाती है ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।