भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज द्विपक्षीय मुलाक़ात हुई। इस मुलाक़ात में दोनों नेताओं ने सीमा विवाद से लेकर कई मुद्दों पर बातचीत की।
ब्रिक्स 2017 के आखिरी मोदी और जिनपिंग के बीच करीबन 1 घण्टे तक बातचीत हुए। भारतीय विदेश सचिव के मुताबिक दोनों नेताओं ने निश्चय किया कि आगे से डोकलाम जैसा कोई भी सीमा विवाद नहीं होगा। इसके अलावा अगर किसी तरह का तनाव होता है, तो उसे शांति से बैठकर सुलझाया जाएगा। भारत और चीन के सीमा पर शांति का माहौल बनाया जाएगा। ऐसे में भारत चीन सम्बन्ध मजबूत होते दिख रहे हैं।
विदेश सचिव एस जयशंकर के मुताबिक दोनों देश जानते हैं कि डोकलाम जैसा विवाद दोनों देशों के लिए काफी खतरनाक हैं। दोनों देश परमाणु शक्ति वाले देश हैं, और ऐसे में किसी तरह का भी युद्ध सभी के लिए नुकसानदेय होगा।
इसके बाद दोनों नेताओं ने ब्रिक्स से सम्बंधित मुद्दों पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने विकास से सम्बंधित कई मुद्दों पर बातचीत की। चीन ने नरेंद्र मोदी के प्रयसों की सराहना की। इसके अलावा दोनों नेताओं ने भारत और चीन के बीच रिश्तों को स्वस्थ और मजबूत बनाने की बात की।
जिनपिंग ने कहा कि दोनों देश विश्व के दो बड़े उभरते देश हैं। इसके अलावा चीन भारत के साथ मिलकर पंचशील सिद्धांत पर भी काम करेगा।
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच 1954 में पंचशील समझौता हुआ था। पंचशील समझौते के मुताबिक साथ रहने के लिए पांच चीज़ें जरूरी हैं: एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान, दोनों और से अनाक्रमण की भावना, एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं देना, दोनों की भलाई के लिए एकता और सहायता एवं शांतिपूर्वक साथ रहना।