प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम से अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाले बोगीबील पुल का मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मतिथि पर उद्घाटन किया। इस पुल की आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा ने 1997 में रखी थी लेकिन इसका निर्माण कार्य अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू हुआ।
एचडी देवेगौडा ने मंगलवार को देश के सबसे लम्बे सड़क सह रेल पुल के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण न दिए जाने पर दुःख जताया। उन्होंने कहा “कश्मीर तक रेल लाइन, दिल्ली मेट्रो और बोगीबील रेल सह सड़क पुल वो प्रोजेक्ट थे जिसकी मैंने मंजूरी दी और प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए 100-100 करोड़ रुपये का बजट पास किया और प्रत्येक प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी लेकिन आज लोग मुझे भूल गए।”
पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि जिस पुल की नींव आपने रखी उसके उद्घाटन समारोह में न बुलाये जाने पर कैसा महसूस हो रहा है तो पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा – “अइयो रामा ! मुझे कौन याद करेगा? कुछ अखबार इस बारे में शायद जिक्र कर दें।”
परियोजना को पूरा करने में देरी पर, उन्होंने कहा, “यह वह जगह है जहां मैं अलग हूं। मैंने 13 महीने में हासन-मैसूरु परियोजना पूरी की। मैंने समय पर दो पुल पूरे किए। आंगनवाड़ी पुल (घाटप्रभा)। जाओ और कृष्ण नदी पर पुल देखें।
उन्होंने कहा, “बॉम्बे कर्नाटक क्षेत्र के कुछ लोग कहते हैं कि देवेगौड़ा ने (उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के लिए) कुछ भी नहीं किया, जाकर देखें।”
ब्रहमपुत्र नदी पर बना बोगीबील रेल सह सड़क पुल असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल के धेमाजी से जोड़ता है। इस पुल से यात्रा समय में चार घंटे की कमी आएगी और 170 किलोमीटर की दूरी कम होगी।
इस पुल के जरिये सैनिक साजो सामन आसानी से और कम समय में चीन सीमा तक पहुँचाया जा सकता है। साथ ही आपात स्थिति में इस पुल पर फाइटर जेट भी लैंड कर सकते हैं।