पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त की अब्दल सिटी में स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब में बैशाखी के जश्न मानाने के लिए भारत से 2200 सिख श्रद्धालु आज लाहौर पंहुच गए हैं। श्रद्धालु दो विशेष ट्रेनों से वाघा बॉर्डर बंहुचे थे। उनके इस्तकबाल सेक्रेटरी ऑफ़ द इवकी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के तारिक़ खान और पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष सरदार तारा सिंह ने किया था।
ईटीपीबी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के पवित्र स्थलों की देखरेख करती है। गुरुद्वारा पंजा साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के हाथो का निशान है।
ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाश्मी ने पीटीआई को बताया कि “दो विशेष ट्रेनों में भारत से 2200 सिख श्रद्धालु यहां पंहुचे हैं। अप्रवासन के बाद वे अटॉक जिले में स्थित पंजा साहिब गुरुद्वारे के लिए निकल जायेंगे। यह रावलपिंडी से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।”
बैशाखी का जश्न नयी फसल के मौसम में मनाया जाता है। प्रतिवर्ष भारत से विशाल संख्या में सिख श्रद्धालु कई धार्मिक त्योहारों और समारोह के लिए पाकिस्तान की यात्रा करते हैं।
उन्होंने कहा कि “श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुरक्षा के बंदोबस्त कर दिए गए हैं। उनकी सुरक्षा में सेना और रेंजर्स की तैनाती कर दी गयी है। इसके आलावा श्रद्धालु पंजाब के अन्य गुरुद्वारों की भी यात्रा करेंगे। इसमें गुरुद्वारा जन्मस्थान ननकाना साहिब भी शामिल है, जहां गुरुनानक 10 वर्षो तक रहे थे।