लगता है गुजरात में कांग्रेस के सितारे गर्दिश में हैं। एक के बाद एक पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। हालिया घटनाक्रम में पार्टी के तीन विधायकों ने गुजरात विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया। इनमें बलवंत सिंह राजपूत, तेजश्री पटेल और आई पी पटेल के नाम शामिल हैं। इन इस्तीफों के चलते गुजरात में कांग्रेस की जड़ें हिल गई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के 5 और विधायक अपना इस्तीफ़ा सौंप सकते हैं। जिन विधायकों ने अपने इस्तीफे सौंपे हैं उन्हें शंकर सिंह वाघेला का करीबी माना जाता है।
कुछ दिनों पहले ही शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया था और राज्य में पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने कहा था कि गुजरात का बापू अभी चूका नहीं है और वक़्त आने पर वो इस बात को साबित कर देंगे। माना जा रहा है कि ये सारे इस्तीफे एक योजना के तहत दिए जा रहे हैं जिसका मुख्य उद्देश्य आने वाले राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल की दावेदारी को कमजोर करना है।
अपने इस्तीफे के वक़्त शंकर सिंह वाघेला ने कहा था कि वो कांग्रेस या भाजपा में से किसी भी पार्टी का हाथ नहीं थामेंगे। फिलहाल उन्होंने अपना रुख तो स्पष्ट नहीं किया है पर उम्मीद की जा रही है कि वो जल्द ही किसी नए मोर्चे का एलान कर सकते हैं। उनके इस कदम से गुजरात में हाशिए पर खड़ी कांग्रेस और कमजोर हो गई है और आगामी राज्यसभा चुनावों के अलावा विधानसभा चुनावों में भी उसकी दावेदारी कमजोर हो गई है।