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    अज़ीम प्रेमजी बैंगलोर

    बैंगलोर शहर तकनीक विभाग की दृष्टि से भारत में सबसे ख़ास माना जाता है। बैंगलोर को आईटी हब भी कहा जाता है। देश की बड़ी से बड़ी तकनीक का अविष्कार या दूसरे देश से आने वाली तकनीक का रख-रखाव मुख्य रूप से इसी शहर में किया जाता है। तकनीकी क्षेत्र से लिप्त होने के कारण बैंगलोर दूसरे शहरों की बजाए काफी मंहगा भी है।

    भारत में आईटी के आगमन का सबसे पहले फायदा बैंगलोर के लोगों ने उठाया था। सैकड़ों कंपनियां बनी और इनके मालिकों ने बड़ी मात्रा में कमाई की। देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियां जैसे इनफ़ोसिस, विप्रो आदि भी बैंगलोर से ही शुरू हुई थी।

    इस लेख के जरिये हम बैंगलोर शहर के सबसे अमीर आदमियों के बारे में चर्चा करेंगे। यहाँ दिए गए सभी आंकड़े फोर्ब्स द्वारा हाल ही में जारी की गयी रिपोर्ट के मुताबिक हैं।

    1. अजीम प्रेमजी

      कुल संपत्ति – 1,24,760 करोड़ रूपए (19.2 बिलियन डॉलर)

      अज़ीम प्रेमजी संपत्ति

      अजीम हाशिम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को हुआ था। वह एक बड़े भारतीय व्यापारिक उद्योगपति है, जो विप्रो लिमिटेड कंपनी के चेयरमैन हैं। यह कंपनी भारत में अग्रणी कम्प्यूटर उत्पादों और सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी है। अजीम प्रेमजी इस कंपनी के कार्यों को 4 दशकों से निर्देशित कर रहे हैं। अजीम प्रेमजी देश के सबसे अमीर आदमियों और वर्तमान में दुनिया के शीर्ष 50 सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक है। इस साल उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। प्रेमजी के पास वर्तमान में 19.2 अरब डॉलर सम्पत्ति है।

    2. राजेश मेहता

      कुल संपत्ति – 16,900 करोड़ रूपए (2.6 बिलियन डॉलर)

      राजेश मेहता बैंगलोर
      राजेश मेहता का जन्म कोलकाता में 27 अप्रैल 1964 को हुआ था। राजेश व्यापार निर्यात के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, जिनके पास व्यापारिक दृष्टि से 1 अरब डॉलर की सम्पत्ति है। राजेश मेहता बेंगलूरू ज्वैलर्स एसोसिएशन के निर्यात व्यापार सलाहकार समिति का सदस्य भी हैं। आभूषण उधोगों में राजेश मेहता के पास व्यापार को बढ़ाने और सुचारू ढंग से चलाने के लिए और व्यापार को मैनेज करने के लिए बीस का साल अनुभव है। और पूरे व्यापार उधोग जगत में एक मजबूत नेटवर्क स्थापित करने के लिए भारत और विदेशों में बड़े पैमाने पर यात्रा की। इसी वजह से ही पूरे कामकाज वित्तिय और विपणन कार्यों के विशेष रूप से प्रभारी भी है। इनके व्यापार के हिसाब से कारखाने में 250 टन सोना रखा हुआ है साथ ही परिवार वालों के पास अफ्रीकी सोने की खानों का सोना भी है। इस प्रकार से राजेश मेहता पूरे बेंगलूरू शहर में सोने के व्यापार जगत में ‘नम्बर एक’ उधोगपति है।

    3. किरण मजूमदार शॉ

      कुल संपत्ति – 14,300 करोड़ रूपए ( 2.2 बिलियन डॉलर)

      किरण मजूमदार शॉ
      किरण मजूमदार शॉ का नाम व्यापार जगत में जाना- माना नाम है। बेंगलूरू शहर में इनका जन्म 23 मार्च 1953 में हुआ था। बेंगुलूरू शहर की अग्रणी जैव प्रौद्योगिकी संस्थान को किरण ही चलाती है । यह भारतीय महिला व्यवसाय के साथ- साथ टेक्नोक्रेट, अन्वेषक और बॉयोकॉन लिमिटेड़ की संस्थापक और अध्यक्ष है। किरण मजूमदार-शॉ ने इस शहर के बिशप कॉटन गर्ल्स हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। बीएससी जूलॉजी ऑनर्स लेकर बंगलौर विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने मॉल्टिंग और ब्रूइंग पर बैलेरैट कॉलेज, मेलबोर्न यूनिवर्सिटी, से स्नातक स्तर की पढ़ाई की।

      किरण ने 1978 में बायोकॉन को शुरू किया और जैविक दवा कंपनी बनाई, इस तरह की उन्होंने दो सहायक कंपनियों की भी स्थापना की। इस क्षेत्र में अच्छे कार्यों के लिए उन्होंने भारत सरकार के द्वारा पद्मश्री और पद्म भूषण समेत कई पुरस्कार से सम्मान दिया गया है। जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके द्वारा लीक से हट कर किए गए कार्यों को कॉर्पोरेट दुनिया में बहुत ही सम्मान दिया गया है और इनको भारतीय उद्योग और बायोकॉन दोनों को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। हाल ही में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में किरण का नाम भी शामिल किया गया था।

    4. नारायण मूर्ति

      कुल संपत्ति – 12,000 करोड़ रूपए (1.9 बिलियन डॉलर)

      नारायण मूर्ति बैंगलोर
      नागवरा रामाराव नारायण मूर्ती को आमतौर पर नारायण मूर्ती के नाम से जानते है। इनकी उधोग जगत में अच्छी ख़ासी पहचान है। नारायण मूर्ती का कर्नाटक में 20 अगस्त 1946 को जन्म हुआ था। नारायण मूर्ति बोर्ड के अध्यक्ष और इंफोसिस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के मुख्य सलाहकार है। यह एक बहुराष्ट्रीय निगम है जो व्यापार परामर्श, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और आउटसोर्सिंग सेवाएं प्रदान करता है।

      नारायण मूर्ति ने 30 साल तक इंफोसिस की सेवा की, साथ ही ये कैटैमरेन नामक उधोग पूंजी निधि के मालिक है। श्री मूर्ति यूनिलीवर, एनवी, पीएलसी और एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी सहित कई विश्व भर की कंपनियों के बोर्डों पर एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। श्री नारायण मूर्ति को कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया है। नारायण मूर्ती की पत्नी सुधा एक प्रसिद्ध लेखिका भी रही है, ने साल 2010 में हावर्ड यूनिवसर्टि से 52 लाख डॉलर का दान किया। इस वक़्त भी श्री नारायण मूति के पास 1.55 अरब डॉलर की सम्पत्ति है।

    5. सेनापति गोपालकृष्णन

      कुल संपत्ति – 11,200 करोड़ रूपए (1.7 बिलियन डॉलर)

      सेनापति गोपालकृष्णन
      सेनापति गोपालकृष्णन भारत देश में विश्व स्तर पर परामर्श देने और आईटी सेवाओं की कंपनी इंफोसिस के कार्यकारी उपाध्यक्ष है। इस कंपनी के सात संस्थापकों में से इनका एक बड़ा नाम है।

      फोर्ब्स सूची के अनुसार सेनापति गोपाल कृष्णन के पास 1.35 बिलियन डॉलर की सम्पत्ति है। सेनापति गोपालकृष्णन ने आईटी विभाग के साथ-साथ बेंगलुरू में पाकिसंस और एंजिग रिसर्च फाउडेंशन साथ ही शिक्षा और स्वास्थय से संबन्धित कारणों में बहेद रूचि दिखाई और काम भी किया। इन्होंने ने ही भारत मे दूसरी सबसे बड़ी आउटसोर्सर में कंपनी को विकसित करने में सहायता की है। श्री गोपालकृष्णन को 2017 जुलाई में क्लाउड कम्प्यूटिंग पर एक सरकारी पैनल के प्रमुख के रूप में पदभार दिया गया है। सेनापति गोपालकृष्णन की रूचि नोटबुक और सेलफोन के गैजेट्स के साथ खेलना बेहद ही पसन्द करते है।

    6. जी एम राव

      कुल संपत्ति – 6500 करोड़ रूपए (1 बिलियन डॉलर)

      ग्रांधी मल्लिकार्जुन राव
      ग्रांधी मल्लिकार्जुन राव का नाम फोर्ब्स की सूची में कई सालों से लिखा जा रहा है। उनका जन्म 1 जुलाई, 1949 को हुआ था। राव एक मैकेनिकल इंजीनियर और जीएमआर ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। राव इंफ्रास्ट्रक्चर समूह जो 4 हवाई अड्डों विशेषकर दिल्ली और हैदराबाद टर्मिनलों के कार्य को नियंत्रित करता है और अब 7 देशों में मौजूद है। वर्तमान में जीएम राव 1 अरब डॉलर सम्पत्ति के मालिक है।

     

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