उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुलंदशहर में मारे गए इन्स्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार से मुख्यमंत्री आवास पर मिले। मुख्यमंत्री ने उन्हें इन्साफ का भरोसा दिलाया और परिवार को हरसंभव मदद देने का भी आश्वासन दिया और कहा कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जायेगी।
आज लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर बुलंदशहर के शहीद पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह जी के परिजनों से मुलाक़ात कर संवेदना व्यक्त की। pic.twitter.com/F5prM7TOA1
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 6, 2018
मुख्यमंत्री राहत कोष की तरफ से इन्स्पेक्टर सुबोध किमार के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता और उनके नाम पर एक सड़क का नामकरण करने का ऐलान किया। मंत्री अतुल गर्ग ने बताया कि सरकार उनके नाम पर एक कॉलेज का नाम रखने पर भी विचार कर रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दोषियों को सजा, परिवार को असाधारण पेंशन, एक सदस्य को नौकरी दिलाने और जैथरा कुरावली सड़क उनके नाम पर रखने के साथ परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 6, 2018
इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटे श्रेय प्रताप सिंह ने बताया कि “हम मुख्यमंत्री से मिले और उन्होंने हमें इन्साफ का भरोसा दिलाया है।”
पुलिस ने इस मामले में 28 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। विश्व हिन्दू परिषद् के युवा विंग के संयोजक योगेश राज का नाम मुख्य आरोपी के रूप में दर्ज किया है और उसकी तलाश की जा रही है।
सुबोध सिंह की पत्नी रजनी ने धमकी दी है कि अगर उनके पति की हत्या के दोषियों को सजा नहीं मिली तो वो आत्महत्या कर लेंगी। रजनी ने ये भी आरोप लगाया है कि उनके पति की हत्या के पीछे गहरी साजिश है , उन्होंने कहा कि “उनके साथी पुलिसकर्मी और उनकी गाडी के ड्राइवर कहाँ थे?” रजनी ने ये भी बताया कि उनके पति को पिछले कुछ दिनों से धमकियाँ मिल रही थी।
इन्स्पेक्टर सिंह की बहन मनीषा चौहान ने इस घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। गैरतलब है कि उत्तर प्रदेश के दादरी में 2015 में गौहत्या को लेकर पीट पीट के हुई अख़लाक़ के हत्या की जांच भी सुबोध कुमार कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश के मंत्री अतुल गर्ग मृतक इन्स्पेक्टर सुबोध कुमार के परिवार से मिले और आश्रितों के अकॉउंट में 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की पुष्टिकरण के दस्तावेज सौंपे।